उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ गया है। जमीयत उलेमा ए हिंद के जिला अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम कासमी ने कहा कि ऐसे पोस्टर लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से भी अपील की कि वे इस तरह की पोस्टरबाजी न करें और मोबाइल पर भी ‘आई लव मोहम्मद’ की डीपी न लगाएं।
मौलाना मुकर्रम कासमी ने स्पष्ट किया कि वे अल्लाह और रसूल अल्लाह से मोहब्बत करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग सड़क पर आकर रोड जाम करें या किसी को परेशानी में डालें। उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल से सच्ची मोहब्बत का मतलब यह है कि व्यक्ति का आचरण, रहन-सहन और जीवन शैली उनके बताए रास्ते पर आधारित हो।
उन्होंने कहा कि जो लोग माहौल खराब करने के इरादे से ‘आई लव मोहम्मद’ या ‘आई लव महादेव’ जैसे पोस्टर लगा रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। मौलाना कासमी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें सीएम ने कहा था कि इस तरह की कार्रवाई से लोगों को सबक मिलेगा। मौलाना ने कहा कि मुख्यमंत्री सभी धर्मों के लोगों के लिए जिम्मेदार हैं और कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करना उनका कर्तव्य है।
जमीयत उलेमा ए हिंद के अनुसार, ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के मामले में की जाने वाली कार्रवाई वैसी ही होनी चाहिए जैसी ‘आई लव महादेव’ पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ की जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चाहे व्यक्ति हिंदू हो या मुसलमान, जो भी देश और जिले का माहौल खराब करना चाहे, उसके खिलाफ समान रूप से कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
मौलाना ने सभी समुदायों से अपील की कि वे धार्मिक आस्था का सम्मान करें और किसी भी तरह के विवादास्पद पोस्टर या कार्यों से बचें। उन्होंने कहा कि कानून का पालन करना और शांति बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इस तरह की अपील से प्रशासन और समुदाय दोनों को शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने में मदद मिलने की उम्मीद जताई गई है।
मुजफ्फरनगर में यह विवाद पिछले कुछ दिनों से बढ़ता जा रहा है और प्रशासन ने भी सतर्कता बरतने की बात कही है। स्थानीय लोग और धार्मिक संगठन इस स्थिति को नियंत्रित करने में सक्रिय हैं ताकि किसी तरह की हिंसा या अप्रिय घटना न हो।