Uttar Pradesh: मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर क्षेत्र के नेहा पब्लिक स्कूल में छात्र को थप्पड़ लगवाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बीईओ किरण यादव ने जिला स्तर पर छात्र को दी जा रही काउंसलिंग और अन्य देखरेख संबंधी कार्यों का ब्योरा दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने बालकों के प्रति हो रहे ऐसे मामलों की शिकायत और समाधान के लिए विकल्पों को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
वहीं बच्चों की सुरक्षा को लेकर सावधानी के साथ सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के लिए तीन फरवरी नियत की है. मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल की शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने एक छात्र को स्कूल के अन्य छात्र से थप्पड़ लगवाए थे. इस थप्पड़ प्रकरण का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया था. इस प्रकरण को लेकर महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की.
सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़ित बच्चे की काउंसिलिंग कराने और दाखिला कराने का भी आदेश दिया था. शिक्षा विभाग की ओर से सीबीएसई स्कूल में छात्र का दाखिला कराया गया. परिवहन खर्च पहले एक एनजीओ ने दिया. इसके बाद अब बेसिक विभाग की ओर से परिवहन खर्च की व्यवस्था की जा रही है.
इस प्रकरण में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी. बीईओ शाहपुर किरन यादव ने बताया कि न्यायालय को पीड़ित छात्र को दी जा रही काउंसलिंग और अन्य देखरेख संबंधी कार्यवाही के विषय में विस्तार से अवगत कराया गया है. बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि, गुरुवार को बीईओ किरन यादव सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुईं. बीईओ ने जानकारी दी है कि, जिला स्तर पर कोई कार्रवाई करने के निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिए हैं.