मुजफ्फरपुर: कुढ़नी दुष्कर्म मामले में दोषी को आजीवन कारावास, पीड़िता की मां ने मांगी फांसी

मुजफ्फरपुर में कुढ़नी थाना क्षेत्र के एक गांव में 26 मई 2025 को हुई दर्दनाक घटना में दोषी रोहित कुमार सहनी को विशेष पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जज नूर सुल्ताना की अदालत ने इसके साथ ही तीन लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया। यह मामला जिले में काफी चर्चित रहा, जिसमें आरोपी ने 10 वर्षीय मासूम बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद ब्लेड से गला, सीना और पेट काटकर झाड़ियों में फेंक दिया।

घटना के तुरंत बाद गंभीर स्थिति में बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 1 जून को पटना पीएमसीएच में उसकी मौत हो गई। मामले की सुनवाई महज चार महीने में पूरी हुई और अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने कुल 15 गवाह और 35 साक्ष्य पेश किए थे, जिनसे आरोपी की जिम्मेदारी स्पष्ट हुई।

सजा के बाद पीड़िता की मां उर्मिला देवी ने कहा कि वे इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने दोषी को फांसी देने की मांग की। उन्होंने स्पष्ट किया कि “हम हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। जब तक हमारी बच्ची को न्याय नहीं मिलता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”

कानून विशेषज्ञों के अनुसार, आजीवन कारावास का अर्थ है कि दोषी जीवन भर जेल में रहेगा। हालांकि, मृत्युदंड की मांग को लेकर पीड़ित परिवार उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट का सहारा ले सकता है। माना जा रहा है कि अब परिजन उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर अपील कर सकते हैं।

कुढ़नी दुष्कर्म मामला समाज में बाल सुरक्षा और कानून व्यवस्था की संवेदनशीलता पर एक चेतावनी भी है। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया कि नाबालिगों की सुरक्षा के लिए कानून और समाज कितनी तत्परता से काम कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में अदालत का तेज़ी से फैसला सुनाना और आरोपी को कठोर सजा देना न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही समाज में यह संदेश जाता है कि ऐसे गंभीर अपराधों में किसी भी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी।

पीड़ित परिवार के लिए यह फैसला आंशिक न्याय की ओर पहला कदम है, लेकिन उनके लिए संतोषजनक न्याय तब ही संभव होगा जब दोषी को सख्त और उचित सजा दी जाए।

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