सऊदी अरब के वास्तविक शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) की जान को खतरा है. एमबीएस ने अमेरिकी कांग्रेस के सांसदों को बताया है कि अगर सऊदी इजरायल के साथ सामान्यीकरण समझौता करता है, जिसमें फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने की बात शामिल नहीं होगी, तो उनकी हत्या की जा सकती है.
अमेरिका स्थित समाचार आउटलेट Politico की एक रिपोर्ट में एमबीएस को लेकर यह दावा किया गया है.
पोलिटिको ने अपनी रिपोर्ट में एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा है कि सऊदी क्राउन प्रिंस ने अमेरिकी कांग्रेस से अपनी जान के खतरे की चर्चा करते हुए मांग की कि समझौते में भविष्य के फिलिस्तीनी राष्ट्र के लिए एक स्पष्ट रास्ता होना चाहिए.
रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी सांसदों के साथ बैठक में एमबीएस ने मिस्र के पूर्व नेता अनवर सादात का जिक्र कर कहा कि कहीं मेरा हाल भी उनके जैसा न हो जाए. इजरायल के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद 1981 में अनवर सादात की चरमपंथियों ने हत्या कर दी थी.
मामले से परिचित एक सूत्र ने पोलिटिको को बताया कि एमबीएस ने समझौते में फिलिस्तीनी राष्ट्र की बात करते हुए कहा, ‘सऊदी के लोग इसकी बहुत परवाह करते हैं और पूरा मध्य-पूर्व ही इस बात को लेकर बेहद गंभीर है. और अगर मैं इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दूंगा तो इस्लाम के पवित्र स्थलों के रक्षक के रूप में मेरा कार्यकाल सुरक्षित नहीं होगा.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि एमबीएस ने अपनी हत्या को लेकर चिंताएं कितने पहले जताई थी. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गाजा युद्ध को देखते हुए इजरायल-सऊदी सामान्यीकरण समझौते की संभावना कम हो गई है.
हत्या के खतरे के बावजूद, एमबीएस कथित तौर पर अमेरिका और इजरायल के साथ समझौते को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. उनका मानना है कि इजरायल के साथ समझौता सऊदी अरब के भविष्य के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि बदले में अमेरिका सऊदी को सुरक्षा की गारंटी, हथियारों की निरंतर सप्लाई करेगा. साथ ही अमेरिका सऊदी को नागरिक परमाणु प्रोग्राम शुरू करने में भी मदद कर सकता है.
लेकिन अमेरिका समर्थित इजरायल-सऊदी डील में फिलिस्तीनी राष्ट्र की मांग को लेकर पेंच फंस रहा है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फिलिस्तीनी राष्ट्र की मांग को समझौते में शामिल करने का विरोध करते रहे हैं.
गाजा में पिछले साल अक्तूबर से चल रहे इजरायली हमले के बीच इसी साल की शुरुआत में सऊदी अरब ने अमेरिका से स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि जब तक फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता नहीं दी जाती तब तक वो इजरायल के साथ संबंध स्थापित नहीं करेगा.
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 1967 की सीमाओं के आधार पर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापता होनी चाहिए जिसकी राजधानी येरूशलेम को बनाई जाए. साथ ही गाजा पर इजरायल के हमले बंद हो.