वॉशिंगटन सुंदर ने मैनचेस्टर टेस्ट में शानदार प्रदर्शन करते हुए नाबाद शतक जड़ा और भारत को इंग्लैंड के खिलाफ चौथा टेस्ट ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर दोहरी शतकीय साझेदारी की और 206 गेंदों में 101 रन बनाकर नाबाद लौटे. इस प्रदर्शन के बाद भी उनके पिता एम सुंदर ने चयनकर्ताओं पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि उनके बेटे को लगातार मौके नहीं दिए जाते.
2021 में टेस्ट डेब्यू, अब तक केवल 12 टेस्ट
वॉशिंगटन सुंदर ने जनवरी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट में डेब्यू किया था, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक जीत साबित हुई थी. हालांकि इसके बाद उन्होंने अब तक सिर्फ 12 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से अधिकतर पिछले 12 महीनों में आए हैं.
मैनचेस्टर में आया कमाल
मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में ऋषभ पंत की चोट के कारण वॉशिंगटन सुंदर को नंबर 5 पर बल्लेबाजी का मौका मिला. उन्होंने इस मौके को पूरी तरह भुनाया और शानदार तकनीक के साथ बल्लेबाजी की. उनके इस प्रदर्शन के बाद उनके पिता ने साफ तौर पर कहा कि सुंदर को लगातार पांच से दस मैचों तक खेलने का मौका दिया जाना चाहिए.
क्या बोले वॉशिंगटन सुंदर के पिता
एम सुंदर ने एक मीडिया बातचीत में कहा, ‘वॉशिंगटन लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है फिर भी उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. दूसरे खिलाड़ियों को लगातार मौके मिलते हैं लेकिन मेरे बेटे को नहीं. वह 2021 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ टर्निंग पिच पर नाबाद 85 रन बना चुका है और अहमदाबाद में 96* रन भी बनाए थे. अगर वह दोनों पारियों में शतक भी बना लेता, तब भी शायद उसे टीम से बाहर कर दिया जाता. क्या किसी और भारतीय खिलाड़ी के साथ ऐसा व्यवहार किया गया है?’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब वॉशिंगटन मानसिक रूप से और भी मजबूत हो गया है और इसी का नतीजा है जो लोग आज देख रहे हैं.’