Abhimanyu Easwaran, IND vs ENG 5th test: अभिमन्यु ईश्वरन अब भी अपने इंडिया डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं. इंग्लैंड दौरा उनके लिए सबसे अच्छा मौका लग रहा था, खासकर जब उन्होंने इंडिया ए की दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया था. लेकिन ओवल टेस्ट में एक बार फिर टीम में न चुने जाने से वे काफी दुखी हुए.
अभिमन्यु के पिता रंगनाथन परमेश्वरन ईश्वरन ने कहा कि अभिमन्यु डिप्रेशन में चला गया है. उन्होंने टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर भी नाराजगी जताई और सवाल उठाया कि करुण नायर को अभिमन्यु पर क्यों तरजीह दी गई? अभिमन्यु ने इंग्लैंड दौरे पर हुए दो मैच में (11 और 80) और (8 और 68) रन बनाए थे.
अभिमन्यु ईश्वरन को साल 2021 में दो बार टीम में जगह मिली, लेकिन सिर्फ स्टैंडबाय खिलाड़ी के तौर पर. पहले इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए. 2022 में उन्हें पहली बार आधिकारिक तौर पर भारतीय टीम में शामिल किया गया, जब टीम बांग्लादेश के दौरे पर गई थी. तब से वह लगातार टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला है.
ओवल टेस्ट में कितने बदलाव हुए? ईश्वरन के पिता का छलका दर्द
इंग्लैंड दौरे के दौरान टीम इंडिया ने अपनी प्लेइंग इलेवन में कई बदलाव किए. ओवल में आखिरी टेस्ट में ही 4 बदलाव हुए, पर अभिमन्यु ईश्वरन को मौका नहीं मिला. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से बातचीत में अभिमन्यु के पिता रंगनाथन ईश्वरन ने पूछा कि उनके बेटे की जगह करुण नायर को क्यों मौका दिया गया. उन्होंने कहा कि अभिमन्यु ने घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाए हैं. वह पिछले साल दलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी टीम में चुने गए थे.
रंगनाथन ने कहा- मैं दिनों की गिनती नहीं कर रहा, मैं साल गिन रहा हूं, अब तो तीन साल हो गए. एक खिलाड़ी का काम होता है रन बनाना और अभिमन्यु ने वह किया है. लोग कहते हैं कि पिछली ऑस्ट्रेलिया ए सीरीज में उन्होंने रन नहीं बनाए, इसलिए टीम में नहीं आए… ठीक है. लेकिन जब अभिमन्यु अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, तब करुण नायर टीम में नहीं थे, न ही दलीप या ईरानी ट्रॉफी में उन्हें चुना गया. अभिमन्यु ने पिछले एक साल में लगभग 864 रन बनाए. तो तुलना कैसे हो सकती है.
‘अभिमन्यु दुखी दिखता है, वो आईपीएल नहीं…’
उन्होंने यह भी माना कि करुण ने भी 800 से ज्यादा रन बनाए हैं और चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा दिखाया है, लेकिन फिर भी तुलना सही नहीं लगती. रंगनाथन ने यह भी बताया कि वह लगातार सीरीज के दौरान अपने बेटे से बात करते रहे ताकि उसका मनोबल बना रहे. लेकिन उन्होंने यह चिंता जताई कि कुछ खिलाड़ी सिर्फ आईपीएल में अच्छा खेलकर टेस्ट टीम में आ जाते हैं, जो सही नहीं है. उनहें मेरा बेटा डिप्रेशन में दिखता है, और ये होना भी लाजमी है. कुछ खिलाड़ी आईपीएल की परफॉर्मेंस के दम पर टेस्ट टीम में आ जाते हैं. लेकिन टेस्ट चयन के लिए आईपीएल का प्रदर्शन नहीं, बल्कि रणजी ट्रॉफी, डलीप ट्रॉफी और ईरानी ट्रॉफी को आधार होना चाहिए.