मंदसौर। जिले में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी के मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया हैं। अब तक कुल आठ मरीज मिले हैं, जिनमें से छह मरीज मुल्तानपुरा गांव के हैं। वहीं एक संदिग्ध मरीज की मौत हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली से विशेषज्ञों की छह सदस्यीय टीम मंदसौर पहुंची और गांव में पांच घंटे तक व्यापक सर्वे व निरीक्षण किया।
जीबीएस बीमारी के मरीज मिलने के बाद हड़कंप
सबसे ज्यादा मरीज समीप के ग्राम मुल्तानपुरा में मिले हैं। इसके बाद दिल्ली का छह सदस्यीय दल गांव में पहुंचा है। दल में शामिल अधिकारियों ने पूरे गांव में भ्रमण कर बीमारी फैलने के कारणों को जानने की कोशिश की। खाद्य सामग्री, पानी, पशुपालन से संबंधित सैंपल लिए। लोगों को आवश्यक समझाइश दी। पांच घंटे तक दल गांव में ही तैनात रहा। गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी के अब तक आठ मरीज मिल चुके हैं। इसमें छह मरीज मुल्तानपुरा गांव में मिले हैं। एक संदिग्ध मरीज की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।
मुल्तानपुरा में छह, भुन्याखेड़ी में एक और किटीयानी में एक मरीज जीबीएस बीमारी का मिला हैं। जीबीएस बीमारी के मरीज मिलने के बाद दिल्ली से एक टीम मंदसौर पहुंची। छह सदस्यीय टीम ने अलग-अलग विभागों के साथ पांच घंटे तक मुल्तानपुरा में घर-घर पहुंचकर सर्वे किया। पशुपालन, खाद्य सामग्री, पानी एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल लिए। कुल 200 से अधिक सैंपल लिए गए हैं।
गांव में साफ-सफाई को लेकर स्थिति बेहतर नहीं
गांव में साफ-सफाई को लेकर स्थिति बेहतर नहीं है, इस बीमारी का एक कारण यह भी माना जा रहा है। नालियों का गंदा पानी गलियों, सड़कों में बह रहा हैं, जगह-जगह कचरे के ढेर भी लगे हैं। दिल्ली से आई टीम ने डब्ल्यूएचओ, पशुपालन विभाग, खाद्य विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जल निगम, सहित अन्य विभाग के साथ मिलकर गांव में अलग-अलग टीमें बनाकर लोगों से चर्चा की, सैंपलिंग की गई। इसके बाद ग्राम पंचायत में आशा-उषा एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ बैठक कर आवश्यक समझाइश एवं दिशा-निर्देश दिए गए।