संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के वक्त ऐसा लम्हा भी आया जब राज्यसभा में बीजेपी सांसद जे पी नड्डा को अपने शब्दों के लिए माफी मांगनी पड़ी. ये उस वक्त हुआ जब नड्डा कांग्रेस पर हमला बोल रहे थे. वो कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद मल्लिकार्जुन खरगे की स्पीच के बाद उन्हें घेर रहे थे. नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी को लेकर खरगे ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वो उनके कद से मेल नहीं खाते हैं. इसी दौरान उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि मैं इनकी पीड़ा समझ सकता हूं क्योंकि 11 साल से विपक्ष में बैठने के चलते मेंटल बैलेंस खो दिया है.
नड्डा के इतना कहते ही कांग्रेस हमलावर हो गई. सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस पर नड्डा ने कहा- मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. मानसिक असंतुलन नहीं, उसकी जगह भावावेश में जो मल्लिकार्जुन खरगे ने जो शब्द बोले हैं वो उनकी पार्टी और उनके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाते हैं, यही मैं कहना चाहता हूं.
तब नेहरू ने कहा था कि जनता से कुछ भी छिपाया नहीं जाना चाहिए
इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा,साल 1962 में जब भारत-चीन युद्ध चल रहा था,तब जवाहरलाल नेहरू ने चंद विपक्षी सांसदों की मांग पर विशेष सत्र बुलाया था. उस समय मांग उठी थी कि सीक्रेट सेशन बुलाया जाए लेकिन उन्होंने (नेहरू) ने कहा कि जनता से कुछ भी छिपाया नहीं जाना चाहिए.
खरगे ने कहा, ये था हमारा लोकतंत्र.मौजूदा सरकार ना तो विशेष सत्र बुलाती है और ना सच्चाई सामने लाती है. यहां तक कि जब सर्वदलीय मीटिंग होती है तो प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार में व्यस्त हो जाते हैं.अगर प्रधानमंत्री मोदी में सुनने की क्षमता नहीं है तो वह कुर्सी पर बैठने लायक नहीं हैं.
एक दिन आएगा जब आपका अहंकार टूटेगा
उन्होंने कहा,22 अप्रैल को पहलगाम हमला हुआ. इसके बाद लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग की लेकिन हमें इस पत्र का कोई जवाब नहीं आया. पीएम मोदी के अंदर इतना अंहकार है कि वो विपक्ष के पत्र का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझते. एक दिन आएगा जब आपका अहंकार टूटेगा.पीएम मोदी को लोगों के गले पड़ने की फुर्सत है लेकिन विपक्ष के नेताओं को जवाब देने का समय नहीं है.