नागौर : मूण्डवा नगर पालिका में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. नगर पालिका के एक कर्मचारी ने चुपचाप रसीद बुक चुरा ली और उसके दम पर 18 लोगों से पट्टे जारी करने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर डाली. इस मामले में ई-मित्र संचालक सहित तीन-चार अन्य लोगों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है, वहीं कुछ राजनीतिक चेहरों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नगर पालिका के इस कर्मचारी ने 35 नम्बर की रसीद बुक चोरी की और उसमें अलग-अलग नंबरों की 18 रसीदें काट कर आमजन से लाखों रुपए वसूले. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि कई मामलों में रसीद में अंकित राशि से अधिक पैसे “ऊपर के खर्चे” के नाम पर वसूल किए गए. अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल मिलाकर 25 से 30 लाख रुपए की अवैध वसूली की गई है.
फर्जी हस्ताक्षर से जारी हुए पट्टे
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उक्त कर्मचारी ने इन रसीदों के आधार पर न केवल फर्जी पट्टे जारी किए, बल्कि उन पर चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी (ईओ) के फर्जी हस्ताक्षर भी कर दिए. कुछ मामलों में इन फर्जी पट्टों के आधार पर तहसील में रजिस्ट्रेशन भी हो गया और एक-दो लोगों ने बैंकों से ऋण भी ले लिया.
गरीबों से ली गई रकम
जिन लोगों से पैसे वसूले गए हैं, वे अधिकतर गरीब तबके से हैं. कई लोगों ने तो पट्टे की उम्मीद में कर्ज लेकर रकम जुटाई थी. मदरसा कमेटी जैसे संगठनों ने 100-200 रुपए के चंदे से पैसा इकट्ठा किया था. अब जब उन्हें पता चला है कि उनके पट्टे फर्जी हैं, तो उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे.
प्रशासन सख्त, एफआईआर और विभागीय कार्रवाई की तैयारी
इस पूरे मामले में नगर पालिका मूण्डवा के अधिशासी अधिकारी राम रतन चौधरी ने पुष्टि की है कि एक कर्मचारी व कुछ अन्य लोगों द्वारा रसीद बुक चुराकर फर्जी रसीदें काटने और पट्टे जारी करने का मामला सामने आया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में सभी तथ्यों को जुटाया जा रहा है, जिसके आधार पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी और विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.