नागौर: रोडवेज प्रशासन ग्रामीण रूटों पर शुरू करेगा मिनी बस सेवा, इन रूटों के लिए 9 अप्रैल तक मांगे गए आवेदन

नागौर: जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को सुगम बनाने के लिए रोडवेज प्रशासन अगले महीने से मिनी बसों का संचालन शुरू करने जा रहा है, इसके तहत जिले की 8 तहसीलों में 8 रूट तय किए गए हैं, जिन पर निजी बस ऑपरेटरों के सहयोग से बसें चलाई जाएंगी. इन रूटों के लिए 9 अप्रैल तक आवेदन मांगे गए हैं और 10 अप्रैल को टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

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नई परिवहन सेवा से ग्रामीणों को लाभ

ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने रोडवेज प्रशासन से प्रस्ताव मांगा था। इसके तहत जिले में 8 रूटों पर बसों के संचालन का निर्णय लिया गया। 10 अप्रैल तक टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद 81 गांवों से होकर मिनी बसों का संचालन शुरू होगा, जिससे कई पंचायत समितियों को जोड़ा जाएगा.

राज्य सरकार पहले से ही महिलाओं और बुजुर्गों को रोडवेज बसों में किराए में रियायत देती है। अब इन 8 नए रूटों पर बस सेवा शुरू होने से ग्रामीण यात्रियों को भी इन सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इन बसों में यात्रियों को टिकट प्रदान की जाएगी और सरकार की ओर से दी जाने वाली सभी रियायतें लागू रहेंगी.

बस संचालन की व्यवस्था

रोडवेज डिपो प्रबंधक मुकन सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप रोडवेज प्रशासन ग्रामीण रूटों पर मिनी बसों का संचालन करेगा। फिलहाल जिले में 8 रूट तय किए गए हैं, जहां ग्रामीण मिनी बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। 10 अप्रैल को टेंडर पूरा होने के बाद बसों का संचालन शुरू होगा.

इन रूटों पर चलेगी मिनी बस सेवा

  1. नागौर-खींवसर (बासनी): ढींगसरा, डींगसरा, भेड़, बैराथल, आकला और खींवसर गांव जुड़ेंगे।
  2. नागौर-मैनसर (झोरड़ा): गुड़ला, कंवलीसर, जोधियासी और चाऊ गांव शामिल होंगे.
  3. नागौर-खारी (रातंगा): बांसड़ा, गगवाना, रोल, रातंगा, माताजी, जायल और खारी गांव जोड़े जाएंगे.
  4. नागौर-बुटाटी-डेगाना (पुनास): बामणा, बरना, भैरेली, खेरवा, बच्छवारी, खिंयास, पुनास, बुटाटी, निम्बड़ी चांदावता, ढाढरिया, छिलरा, पालड़ी जोधा और मूंडवा गांव जुड़ेंगे.
  5. नागौर-श्यामसर (चूंटीसरा): जोधियासी, श्यामसर, रोहिणी, गंठिलासर और चूंटीसरा गांव शामिल होंगे.

ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को मिलेगी सुविधा

नई मिनी बस सेवा ग्रामीण यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इससे न केवल परिवहन की समस्या हल होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे. सरकार द्वारा तय की गई किराया दरों के अनुसार, ऑपरेटर को प्रति यात्री प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाएगा, इससे ग्रामीण यात्रियों को कम लागत में बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध होगी.

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