नई दिल्ली. भारत के पद्म विभूषण प्राप्त स्पेस साइंटिस्ट नंबी नारायण से जुड़े 1994 के जासूसी कांड में सीबीआई की चार्जशीट बुधवार को सामने आई. इसमें दावा किया गया कि केरल पुलिस के तत्कालीन स्पेशल ब्रांच अधिकारी ने मालदीव की एक महिला को भारत में अवैध रूप से हिरासत में रखने को सही ठहराने के लिए यह षडयंत्र रचा था. महिला ने पुलिस अधिकारी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह दावा किया कि पुलिस ने नारायणन और मालदीव की दो महिलाओं सहित पांच अन्य को जासूसी मामले में कथित रूप से फंसा दिया था.
सीबीआई ने कहा कि एसपी के पद से रिटायर्ड हुए तत्कालीन स्पेशल ब्रांच अधिकारी एस विजयन ने मालदीव की नागरिक मरियम रशीदा के यात्रा दस्तावेज और हवाई टिकट छीन लिए थे ताकि वो देश छोड़कर नहीं जा सके. महिला ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. एजेंसी ने आगे कहा कि विजयन को पता चला कि वह इसरो के वैज्ञानिक डी शशिकुमारन के संपर्क में थी और उसके आधार पर रशीदा और उसकी मालदीव की दोस्त फौजिया हसन पर निगरानी रखी गई.
IB को मामले में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला…
सीबीआई ने कहा कि पुलिस ने महिलाओं के बारे में सहायक खुफिया ब्यूरो (SIB) को भी सूचित किया था, लेकिन विदेशी नागरिकों की जांच करने वाले आईबी अधिकारियों को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला. सीबीआई ने कहा कि इसके बाद, रशीदा को विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह बिना वैध वीजा के देश में समय से अधिक समय तक रह रही थी. इस बारे में तिरुवनंतपुरम के तत्कालीन पुलिस आयुक्त और तत्कालीन एसआईबी उप निदेशक को जानकारी थी.
13 आरोपियों पर मुकदमा चलाने की सिफारिश नहीं…
केरल पुलिस के पूर्व डीजीपी आर बी श्रीकुमार और सिबी मैथ्यूज, पूर्व एसपी एस विजयन और के के जोशुआ और पूर्व खुफिया अधिकारी पी एस जयप्रकाश के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है. हालांकि, एजेंसी ने मामले में केरल पुलिस और आईबी के तत्कालीन अधिकारियों सहित अन्य 13 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश नहीं की, क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत उपलब्ध नहीं है.