पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मथुरा और वृंदावन सहित विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. भक्त श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए अलग-अलग मंदिरों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं. भक्ति का अलौकिक दृश्य आनंदित कर रहा है. मंदिरों में श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर भजन-कीर्तन और दर्शन-पूजन का कार्यक्रम शनिवार सुबह से ही चल रहा है. सभी मंदिरों को फूलों और रोशनियों से सजाया गया है
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रात के 12:00 बजते ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर ढोल-नगाडे़, झांझ-मंजीरे और मृदंग की आवाज गूंज उठी. भगवान के प्राकट्योत्सव की खुशी में भक्त झूमने लगे. मंदिर के कोने-कोने में कृष्ण कन्हैया की जय-जयकार होने लगी. भगवान को सोलह श्रृंगार में सजाया गया है. उनका अलौलिक रूप निखर आया, जिसके दर्शन के लिए हर भक्त लालायित है.
देश के अलग-अलग मंदिरों से मनमोहक तस्वीरें सामने आ रही हैं. मथुरा में कड़ी सुरक्षा के बीच श्रीकृष्ण जन्मस्थान और सभी प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया जा रहा है और यहां भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है.
ऑपरेशन सिंदूर की थीम
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा से कृष्ण जन्माष्टमी की तस्वीरें सामने आ रही हैं, जहां लोगों मंदिर के सामने भक्तों की श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई हैं. साथ ही, मथुरा का कृष्ण मंदिर जन्माष्टमी के मौके पर ऑपरेशन सिंदूर की थीम से सजाया गया है. कटरा केशवदेव स्थित श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जहां भागवत भवन में भगवान की दिव्य प्राकट्य लीला सम्पन्न होगी. पुलिस ने लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं. यातायात प्रबंधन के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है.
श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण को चांदी से सुसज्जित गर्भगृह में विराजमान किया जाएगा, जिसे सिंदूर पुष्प महल की तरह सजाया गया है.
उन्होंने बताया कि ठाकुरजी की चल विग्रह को रजत-सूप में विराजमान कर अभिषेक स्थल तक ले जाया जाएगा. परंपरा के अनुसार, भगवान का प्राकट्य भी रजत-कमल पुष्प में होगा और पहला स्नान सोने की परत चढ़ी चांदी की कामधेनु गाय की मूर्ति के जरिए किया जाएगा. इस अवसर पर भक्तजन ठाकुरजी के जन्माभिषेक दर्शन के लिए मंदिर परिसर में सुबह साढ़े पांच बजे से रात्रि डेढ़ बजे तक प्रवेश पा सकेंगे.
आयोध्या में भी दिखी जन्माष्टमी की धूम
कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए 3 दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का जन्मभूमि मथुरा में आगमन शुरू हो गया जो कि शनिवार को भी जारी रहा. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर गर्भगृह में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है और इस मौके पर रामलला का विशेष श्रृंगार भी किया गया है.
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, रामलला के गर्भगृह के सामने शनिवार/रविवार की मध्य रात्रि श्रीकृष्ण का जन्म होगा और इस उत्सव को भव्य स्वरूप मिलेगा. मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया गया है तथा रामलला का विशेष श्रृंगार कर उन्हें पीले वस्त्र पहनाए गए हैं. राम मंदिर के एक पदाधिकारी ने बताया कि आधी रात को कान्हा के जन्म की बधाई गीत और सोहर गाए जाएंगे एवं प्रसाद वितरित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी पर, जब ब्रज क्षेत्र समेत पूरा देश भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में डूबा होगा, राम जन्मभूमि परिसर में भी उत्सव अपने पूरे भव्य रूप में होगा और हर्षोल्लास का माहौल बनेगा तथा बधाइयां गूंजेंगी और भजन गाए जाएंगे.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर गुजरात के ISKCON मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और श्रीकृष्ण के दर्शन किए. इस अवसर पर भक्तों ने हरे राम, हरे कृष्ण का उद्घोष किया.
कश्मीर में धूमधाम से मनी जन्माष्टमी
दूसरी ओर, कश्मीरी पंडितों ने धार्मिक उत्साह के साथ जन्माष्टमी मनाई और भगवान कृष्ण के जन्मदिन के उपलक्ष्य में शनिवार को शहर में जुलूस निकाला. यह जुलूस शहर के मध्य हब्बा कदल क्षेत्र में स्थित गणपतियार मंदिर से शुरू हुआ और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच क्रालखुद और बारबरशाह होते हुए ऐतिहासिक लाल चौक स्थित घंटाघर पर पहुंचा.
अधिकारियों ने बताया कि शहर का केंद्र उत्सव से जीवंत हो उठा, क्योंकि श्रद्धालुओं (जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे) में से कुछ ने भगवान कृष्ण की वेशभूषा धारण की थी. उन्होंने भजन गाए और जुलूस में भाग लिया तथा रथ के साथ नृत्य किया
दिल्ली में भी जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में पूजा-अर्चना की गई. श्रीकृष्ण की आरती की गई और भक्तों ने श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेव और नंद के घर आनंद भरो… का उद्घोष कर रहे हैं. भक्तों ने हरे राम, हरे कृष्ण, कृष्ण, कृष्ण हरे-हरे का नाम जाप भी किया.