राजस्थान में वोटिंग के दौरान SDM को थप्पड़ मारने वाला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे अब थाने ले जाया जा रहा है. कुछ देर पहले ही नरेश ने कैमरे के सामने बताया था कि आखिर क्यों ये बवाल मचा. दिन में ऐसा क्या हुआ था कि उसने SDM को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. नरेश ने SDM अमित चौधरी पर फर्जी तरीके से वोटिंग करने का आरोप लगाया. पुलिस वालों पर भी मारपीट का आरोप नरेश मीणा ने लगाया. नरेश देवली-उनियारा विधानसभा से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है.
नरेश मीणा ने कैमरे के सामने कहा- जब यह थप्पड़कांड हुआ तो कई पत्रकार भी यहां पहुंचे. मैंने उन लोगों के लिए खाना मंगवाया. लेकिन पुलिसवाले हमें खाना नहीं लाने दे रहे थे. तब SP ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा चलो तुमसे बात करते हैं. मैंने कहा मैं कलेक्टर से नीचे किसी से भी बात नहीं करूंगा. तब SP ने मुझे थप्पड़ मारा और पुलिस जीप में डाल दिया. मेरे साथियों ने तब मुझे छुड़वाया. पहल पुलिस ने की न कि हमने.
बोला- पुलिस वालों ने ने मेरे साथियों और गांव वालों को पीटा. आंसू गैस के गोले छोड़े, मिर्ची बम फेंके. इससे मैं बेहोश हो गया था. तब मेरे साथी मुझे पांच किलोमीटर दूर खेतों में लेकर गए. यहां पुलिसवालों ने लोगों के घरों को तोड़. घर में घुसकर महिलाओं को मारा. बच्चे भी मिर्ची बम से बेहोश हुए. रातभर पुलिस ने गांव में ऐसा हुड़दंग मचाया.
SDM पर लगाया आरोप
जब नरेश से पूछा गया कि SDM को थप्पड़ मारना जायज था वो बोला- हां बिल्कुल जायज था. उस चोर के लिए यह जायज था. वो फर्जी वोटिंग करवा रहा था. उसने दलित महिला से बदसलूकी की. पुलिस वालों ने भी जो किया वो गलत था. दोनों मामलों की न्यायिक जांच होनी चाहिए. फर्जी वोटिंग और पुलिस की कार्रवाई, दोनों की जांच होनी चाहिए. SP के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. बाकी के पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए, जिन्होंने गांव में आग लगाई, तोड़फोड़ की और मारपीट की.
‘पुलिस वालों को हमने ठोका’
जब नरेश से पूछा गया कि आप पुलिस हिरासत से क्यों भागे? तो नरेश ने कहा- भागा नहीं, हमने पुलिस वालों को ठोका है. हमने उन्हें जमकर मारा है. फिर वो लोग खुद ही भाग गए. वो तो उनके पास मिर्ची बम थे, जिससे मैं बेहोश हो गया.
‘क्लेक्टर आ जाती तो नहीं होता ये सब’
नरेश से पूछा गया कि आप लठ-डंडे लेकर क्यों आए थे? नरेश ने कहा- सुबह 7 बजे से हमारी कोई नहीं सुन रहा था. पुलिस भी सही से बर्ताव नहीं कर रही थी. कलेक्टर तो 45 किलोमीटर दूर मेहंदी लगाकर बैठी थीं. कलेक्टर अगर आ जाती तो ये सब नहीं होता. न ही SDM को थप्पड़ पड़ता