तमिलनाडु के गवर्नर रविन्द्र नारायण रवि ने एक बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भगवान राम को उत्तर भारत के देवता के रूप में पेश करने के लिए एक विशेष नैरेटिव तैयार किया गया है.उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को सांस्कृतिक विरासत से वंचित किया जा रहा है, जो एक तरह की निर्मित सामाजिक इंजीनियरिंग और सांस्कृतिक जनसंहार का परिणाम है. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते थे वे अब चुप हो गए हैं.
In the book release function of "Sri Rama in Tamilagam: An Inseparable Bond" authored by Dr. D.K.Hari and Dr. D.K.Hema Hari, at Raj Bhavan, Governor Ravi elaborated on how Shri Ram, the most revered national icon of Bharat lives in the hearts of the people of Tamil Nadu. Every… pic.twitter.com/XwL9pNz0eX
— RAJ BHAVAN, TAMIL NADU (@rajbhavan_tn) September 14, 2024
उन्होंने कहा कि एक नैरेटिव तैयार किया गया है कि राम उत्तर भारतीय देवता हैं, जबकि वे यहां (तमिलनाडु) के नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि तमिलनाडु में लोग राम को नहीं जानते हैं. श्रीराम हर जगह हैं. तमिलनाडु में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां उनके पदचिह्न न हों और वे तमिलनाडु के लोगों सहित हर व्यक्ति के दिल और दिमाग में बसते हैं. गवर्नर ने आरोप लगाया कि युवाओं को हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से वंचित किया जा रहा है. यह एक प्रकार की निर्मित सामाजिक इंजीनियरिंग है, जो सांस्कृतिक जनसंहार के माध्यम से एक अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रही है और यह प्रयास कर रही है कि हम देश और अतीत से कुछ नहीं रखते.
गवर्नर ने आरोप लगाया कि लोगों ने सनातन धर्म पर हमले शुरू किए इसे वायरस, डेंगू और मलेरिया जैसे नाम दिए. फिर अचानक वे चुप हो गए. अब सनातन धर्म के खिलाफ कोई बात नहीं हो रही है.