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राष्ट्रीय मछुवारा जागरूकता सम्मेलन: CM साय बोले, ‘समाज को संगठित होने की जरूरत’

शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है. शिक्षा केवल नौकरी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि सफल जीवन का मार्ग है. सामाजिक विकास का मूलमंत्र शिक्षा है. चाहे जीवन जीने की कला हो, व्यापार हो, कृषि हो या कोई अन्य क्षेत्र, हर क्षेत्र में सफलता के लिए शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय मछुवारा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार प्रारंभ से ही राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है. राज्य गठन के समय जहां केवल एक मेडिकल कॉलेज हुआ करता था, वहीं आज प्रदेश में लगभग 15 मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं. इसी तरह हमने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान जैसे आईआईटी, ट्रिपल-आईटी, आईआईएम, लॉ यूनिवर्सिटी, एम्स और सिपेट जैसे संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित किए हैं, जिनका लाभ राज्य के स्थानीय विद्यार्थियों को मिल रहा है.

‘आज समाज को संगठित होने की है आवश्यकता’

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में नालंदा परिसर के निर्माण का कार्य चल रहा है, जिससे युवाओं को दिशा और अवसर दोनों मिल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज समाज को संगठित होने की आवश्यकता है, क्योंकि संगठित समाज से ही राष्ट्र मजबूत होता है. उन्होंने कहा कि नशाखोरी समाज के विकास में बाधक है और इस बुराई से दूर रहना आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने समाज से नशा मुक्ति का संकल्प लेने की अपील की.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की, जो मछुआरों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध हुई है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में गंगरेल बांध ठेका प्रथा को समाप्त कर पुनः डुबान क्षेत्रों के किसानों को मत्स्य पालन की अनुमति प्रदान की है.

‘मत्स्य पालन के क्षेत्र में अनेक योजनाएं की गई हैं प्रारंभ’

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है. मत्स्य पालन के क्षेत्र में अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं. प्रदेश का पहला एक्वा पार्क हसदेव बांगो जलाशय में लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा है. यह एक्वा पार्क मछली उत्पादन, प्रोसेसिंग, निर्यात और टूरिज्म, इन चारों क्षेत्रों में नए अवसर सृजित करेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में यहां 800 केजों में मत्स्य पालन किया जा रहा है, जिससे अनेक पंचायतों को लाभ मिल रहा है.

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