लग रहा है कि नई जंग की शुरुआत हो रही है. रूस के खिलाफ NATO तीन लाख जवानों को यूरोपीय देशों की सीमाओं पर तैनात करने जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि नाटो ने रूस से जंग की तैयारी शुरू कर दी है. नाटो अमेरिकी सैनिकों को यूरोप के उन देशों में तैनात करने जा रही है, जहां पर रूस से उनकी सीमा जुड़ती है.
नाटो ने इसके लिए पांच रूट का प्लान बनाया है. पहला रूट है नीदरलैंड्स-जर्मनी-पोलैंड. दूसरा है – इटली, स्लोवानिया, क्रोएशिया और हंगरी. तीसरा रूट है- ग्रीस-बुल्गारिया और रोमानिया. चौथा है- तुर्की, बुल्गारिया और रोमानिया. पांचवां है- नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड. ये असल में रूट नहीं बल्कि सैन्य अस्थाई कॉरीडोर हैं.
ये पांचों मुख्य मार्गों से अलग रूट्स हैं. सैनिकों को रॉटरडम बंदरगाह से पोलैंड लाया जाएगा. इस रास्ते में ट्रेन से नीदरलैंड्स और जर्मनी पार होगा. ये तो एक रूट है, जो बताया गया है, लेकिन इसके अलावा कई अन्य रूट्स भी होंगे जिनका खुलासा रणनीति के तहत नहीं किया गया है.
नाटो ने शुरू कर दी बड़े जंग की तैयारी
यह तैयारी तब शुरू की गई है, जब रूस और नाटो गठबंधन के प्रमुखों ने एकदूसरे को जंग की धमकी दी. अब माहौल गर्म हो रहा है. हालांकि इस जंग की आशंका मात्र है. लेकिन तैयारी नाटो ने शुरू कर दी है. जमीन पर तीन लाख अमेरिकी सैनिकों को रूस की सीमा से जुड़े यूरोपीय देशों पर तैनात करने की तैयारी है.
छोटी-छोटी टुकड़ियों में ले जाएंगे सैनिक
नाटो से जुड़े लेफ्टिनेंट जनरल अलेक्जेंडर सोलफ्रैंक ने कहा कि अब बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक मूवमेंट नुकसानदेह है. हमने अफगानिस्तान और ईराक में ये देखा है. इसलिए जंग से पहले हम किसी तरह का नुकसान नहीं बर्दाश्त करना चाहते. जो अस्थाई सैन्य कॉरीडोर बने हैं, उनसे छोटी टुकड़ियों में सैनिकों को तैनात किया जाएगा.
रूस की एक हरकत और जंग शुरू!
अगर रूस ने संघर्ष की शुरूआत की तो नाटो सैनिक भी इसका जवाब देंगे. क्योंकि ये मामला अब सिर्फ रूस और यूक्रेन की जंग का नहीं बचा है. यूक्रेन के समर्थन में कई यूरोपीय देश, नाटो और अमेरिका भी है. इसलिए नाटो शामिल देशों को भी रूस से खतरा है. रूस की कोई भी हरकत नई जंग शुरू करवा सकती है.