कुरूद: धार्मिक व सामाजिक सौहार्द के लिए विशेष पहचान रखने वाले छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले अंतर्गत कुरुद नगर में बीते ढाई दशक से शारदीय नवरात्र पर विविध आयोजन होते आ रहा है. विभिन्न दुर्गा पंडालों में मां दुर्गा की विभिन्न स्वरूपों में मूर्ति स्थापित कर जहां प्रतिदिन पूजा अर्चना हो रही है तो वहीं नगर के प्रमुख मंदिरों चंडी माता, छत्तीसगढ़ महतारी, महामाया, काली आदि में ज्योत कलश प्रज्वलित है. वहीं विभिन्न समितियों द्वारा जस गीत, रास, गरबा, डांडिया के अलावा पारंपरिक छत्तीसगढ़ी कार्यक्रमों का आयोजन कर नगर को पूर्ण रूप से भक्तिमय बना दिये है.
इन्ही क्रम में 26 साल से चली आ रही नगर दशहरा उत्सव की गौरवशाली परंपरा आज भी जीवंत है, जहाँ छत्तीसगढ़ के लोक कला, सांस्कृतिक विधाओं को पल्लवित पुष्पित करने हेतु ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन होते आया है. जिसे देखने दिनों दिन दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ रही है.

बीते 26 वर्षों से मनाते आ रहे दशहरा उत्सव
इस परिप्रेक्ष्य में कुरुद दशहरा उत्सव के बैनर तले अनेक कार्यक्रम आयोजित हो रहे है. आयोजन समिति के महासचिव भानु चंद्राकर ने बताया कि प्रतिवर्ष परंपरानुसार लगातार 26 वर्षों से “दशहरा उत्सव” इस वर्ष भी नगर दशहरा उत्सव समिति द्वारा कुरुद दशहरा महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है.

22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक नवरात्रि से लेकर दशहरा के दिन तक धार्मिक- सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रामलीला मंचन, आकर्षक आतिशबाजी एवं मीना बाज़ार का कार्यक्रम नगर, क्षेत्र सहित जिले के श्रद्धालुओं एवं कलाप्रेमियों के लिए आयोजित किया जा रहा है.
आकर्षक परिधान में रास गरबा-डांडिया की प्रस्तुति
मातारानी की भक्ति, आस्था और आराधना के नवरात्रि के पावन पर्व में इनडोर स्टेडियम एवं चंद्राकर भवन में आयोजित दस दिवसीय रास गरबा डांडिया महोत्सव में रोज आकर्षक परिधान और अलग-अलग थीम पर प्रतिभागियों ने गरबा के आकर्षक पंडाल और रंग-बिरंगे लाइट की आभा में गरबा के बेसिक स्टेप्स, कुदको, मस्तानी, दाखला, डौडियो, चैकडी, छकडी, टिमली और डांडियां नृत्य से मातारानी की आराधना कर रही है.

जिसमें सर्व समाज की बेटियां, माताएं, बहने भाग लेकर न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी बल्कि सर्व समाज की एकजुटता और समरसता का संदेश भी दे रही है.
प्रदेश के चुनिंदा कलाकारों की हो रही प्रस्तुति
नगर दशहरा समिति के तत्वावधान में नगर के खेल मेला मैदान व पुरानी मंडी प्रांगण में रात्रि में छत्तीसगढ़ के चुनिंदा लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जा रही.

जिसमे 22 सितंबर को चंद्रभूषण वर्मा कृत महतारी लोक कला मंच, 23 को कविता वासनिक की अनुराग धारा 25 को दुष्यंत हरमुख की रंग झरोखा आगामी 27 सितंबर को राजेश साहू की लोक प्रयाग, 28 को उर्वशी साहू कृत मया के संदेश (कचरा-बोदरा), 30 को सुनील तिवारी नाईट एवं 02 अक्टूबर को शरद अग्रवाल नाईट (आर्केस्टा) आयोजित है.
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