फिलहाल लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है. उसमें मतदाताओं ने भी विकास कार्यों के विरोध में वोट करने का मन बना लिया है. नवसारी जिले के गणदेवी तालुका में बिलिमोरा शहर के पास कनेक्टिंग ओवरब्रिज 2022 मानसून में भारी बारिश और पटरी से उतरने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था. बिलिमोरा अंताल्या से होकर गहराई तक जाने वाली कावेरी नदी पर पुल के तकनीकी सर्वेक्षण के बाद, सड़क निर्माण विभाग ने रुपये आवंटित किए हैं. 454.40 लाख स्वीकृत किये गये हैं. लेकिन पुल का काम अब तक पूरा नहीं होने पर प्रभावित गांव के लोगों ने आज बैनर लेकर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया.
जिस कंपनी को इस काम के लिए टेंडर दिया गया है, उसे पिलर के दोबारा जीर्णोद्धार के लिए मिट्टी में ताकत नहीं मिल रही है. जिस कारण तकनीकी कारणों से कार्य रोक दिया गया है. हालांकि, एडटैच समेत ग्रामीण आज 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर अपने गांव पहुंचे और बीजेपी के खिलाफ गांव में प्रचार करने नहीं आने का विरोध किया. सिस्टम से यह भी सवाल पूछा गया कि भारी बारिश और रेल का पानी नहीं सूखने पर महज 7 साल में पूल कैसे बन सका.
2022 में, बेलीमोरा अंताल्या को डेथाच से जोड़ने वाले कावेरी नदी पर बने पुल को इसके खंभों के ढहने के कारण बंद कर दिया गया था, जिससे डेथाच के लोगों को 20 किमी का चक्कर लगाना पड़ा. इस पुल का निर्माण गोधरा के आशीष कंस्ट्रक्शन ने 7 साल पहले 8.50 करोड़ की लागत से कराया था. इस पुल ने देथाच वानिया और लुहार पालिया के ग्रामीणों को बेलीमोरा के साथ व्यवहार में सुविधा प्रदान की. अंताल्या से 5 किमी. हाईवे क्रमांक 48 के बलवाड़ा तक सीधे पहुंचने से हाईवे तक पहुंचने की दूरी कम हो गई. मात्र सात वर्ष की अल्प अवधि में ही पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से इसके निर्माण कार्य पर सवाल उठने लगे थे. इसके साथ ही सरकारी व्यवस्था भी चरमरा गई.
इस क्षतिग्रस्त पुल को बंद कर दिया गया है और इसके बगल में पहले वाले डबाऊ पुल को चालू कर दिया गया है. लेकिन यदि पुल निर्माणाधीन हो तो कुछ पानी ऊपर उठकर डूब जाता है और उस पुल से पानी का प्रवाह बंद हो जाता है. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना 2023-24 के तहत विभिन्न तकनीकी टीमों द्वारा इस क्षतिग्रस्त पुल का सर्वेक्षण कार्य पूरा करने के बाद पथ निर्माण विभाग गांधीनगर ने रुपये आवंटित किये हैं. 454.40 लाख स्वीकृत किये गये हैं. इस ब्रिज में ब्रिज के पियर पी-1 और पी-2 के पास नए पाइल का निर्माण, पाइल कैप और पियर स्ट्रैंडिंग का काम किया जाएगा और सुपर स्ट्रक्चर को ऊपर उठाकर मूल स्थान पर स्थापित किया जाएगा. हालांकि यह पूरी प्रक्रिया लंबी और समय लेने वाली है, लेकिन लोग वर्षों से पुराने डुबाऊ पुल की मदद से इस मानसून में आवागमन करते रहे हैं.
गणदेवी विधायक नरेश पटेल का कहना है कि भारी बारिश और रेल के कारण पुल के दो स्पैन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिसे लेकर हमने राज्य सरकार के साथ मिलकर मरम्मत के लिए 4.54 करोड़ रुपये तय किए हैं और इसके लिए संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों की एक टीम भी काम कर रही है. लेकिन इन ओवरब्रिजों को भार उठाने के लिए एक बेस की जरूरत है जिसके लिए अधिकारियों और ठेकेदारों की एक टीम काम कर रही है. टीम 17 मीटर जमीन में जाकर बेस की तलाश कर रही है लेकिन बेस भार उठाने लायक नहीं मिल रहा है इसलिए अब हम 30 मीटर अंदर जाकर ओवरब्रिज का भार उठाने लायक नमी ढूंढेंगे.