बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दिकी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने बॉलीवुड के बड़े-बड़े एक्टर्स के साथ काम किया और अपनी एक अलग पहचान बनाई. लेकिन नवाजुद्दीन ने अपने शुरुआती समय में मुंबई आने के बाद बहुत संघर्ष किया और जब पैसों की बहुत जरूरत हुई तो दादर की एक बाजार में हरी धनिया तक बेचने पहुंच गए थे.
नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने पैसों के लिए बेची थी धनिया
कपिल शर्मा के शो में आए नवाजुद्दीन को कपिल फलों की टोकरी दिखाते हैं और कहते हैं जो लेना है ले सकते हैं. इसपर नवाजुद्दीन कहते हैं कि उनका मन कर रहा कि ये उठाएं और बेच दें सब. इसपर कपल शर्मा ने कहा, ‘स्ट्रगल बहुत किया है भाई ने, फल तो छोड़िए मैंने सुना है कि आपने धनिया तक बेचा है? क्या ये सच है?’ कपिल के सवाल का जवाब देते हुए नवाजुद्दीन ने कहा था, ‘जब मैं छोटे-छोटे रोल करता था तो मुझे कोई पहचानता तो था नहीं और पैसे भी नहीं मिलते थे.’
नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘मेरे एक दोस्त ने कहा नवाज भाई 100 के 200 करने हैं क्या? मैंने कहा हां करने हैं क्यों नहीं करने हैं. उसने बोला चलो दादर चलते हैं तो हम मीरा रोड से दादर गए. तो उसने 100 खुद के मिलाए 100 मेरे लिए और हमने 200 रुपये का धनिया लिया इतना सारा. फिर वहीं दादर सब्जी मंडी में 10 की गड्डी के हिसाब से बेचने लगे. 1 घंटे तक वो बिल्कुल भी नहीं बिका और फिर वो भूरे पड़ने लगे और दो-तीन घंटों में काले पड़ गए. फिर हम उसके पास गए जिससे धनिया लिया था और बोला ये तो काला पड़ गया और बिका भी नहीं. तो वो बोला इसपर पानी डाला था आपने तो हमने कहा हां ये मिस कर गए. इसके बाद हम लोकल ट्रेन में बिना टिकट के वापस घर पहुंचे.’
नवाजुद्दीन सिद्दिकी का फिल्मी करियर
वैसे तो नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने कई फिल्मों में बहुत ही छोटे-छोटे रोल किए, लेकिन कुछ मिनट का रोल उन्हें पहली बार आमिर खान की फिल्म सरफरोश (1999) में मिला. इसके बाद संजय दत्त की फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में भी नवाज कुछ देर के लिए नजर आए. बतौर एक्टर नवाजुद्दीन की पहली फिल्म पतंग (2012) थी, लेकिन उन्हें पहचान अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012) से मिली. इसके बाद उन्होंने ‘द लंचबॉक्स’, ‘रमन राघव 2.O’, ‘मंटो’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘किक’ और ‘रईस’ जैसी फिल्मों में काम किया और इनमें से ज्यादातर फिल्में सफल भी रहीं. अगर बात नवाजुद्दीन सिद्दीकी की आने वाली फिल्मों की करें तो उनमें ‘अद्भुत’, ‘रौतू का राज’, ‘ऑयल कुमार’, ‘नूरानी चेहरा’ और ‘संगीन’ जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं.