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बस्तर में नक्सलवाद ले रहा आखिरी सांसें, बजट सत्र में राज्यपाल

रायपुर: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने सोमवार को कहा कि राज्य में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है. सरकार इस खतरे को खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है. राज्यपाल ने कहा कि सुरक्षाबलों के जवानों के एक्शन और एरिया डोमिनेशन से बस्तर में नक्सलवाद आखिरी सांस ले रहा है.

“31 मार्च 2026 छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खत्म”: राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य से नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में प्रभावी काम कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में 31 मार्च 2026 तक देश को हिंसा से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की गई है. इसके अनुरूप लगातार कार्रवाई की जा रही है.नक्सलवाद छत्तीसगढ़ में अंतिम सांसें ले रहा है.

14 महीने में 300 नक्सली ढेर: राज्यपाल ने कहा कि पिछले 14 महीनों में 300 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं, 972 ने आत्मसमर्पण किया है और 1,180 को गिरफ्तार किया गया है. सरेंडर नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15,000 मकान स्वीकृत किए गए हैं.

नक्सल प्रभावित 26 गांवों में पहली बार ध्वजारोहण: डेका ने कहा कि सुरक्षा के इस नए माहौल में बस्तर संभाग के सात जिले – कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में विकास की रोशनी तेजी से फैल रही है. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित 26 गांवों में पहली बार ध्वजारोहण किया गया. सुकमा के पेंटाचिमाली, केरलापेंडा, दुलेड़, सुन्नम गुडा और पुवर्ती जैसे गांवों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहली बार मतदान हुआ.

राज्यपाल ने कहा कि सुकमा के चिंतागुफा सशस्त्र केंद्र में इलाज की सुविधा ग्रामीणों को मिल रही है. दंतेवाड़ा जिले के पोटाली गांव में 19 साल बाद स्वास्थ्य केंद्र फिर से खोला गया है.

बस्तर में तेजी से विकास हो रहा है. यहां नियाद नेल्लनार (आपका अच्छा गांव)के तहत राज्य सरकार सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में 17 विभागों की 52 योजनाओं और 31 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है.

बस्तर ओलंपिक का आयोजन: राज्यपाल ने कहा कि बस्तर शांति की वापसी का जश्न मना रहा है. राज्य सरकार ने लोगों में उत्साह भरने और खेल प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए ‘बस्तर ओलंपिक’ का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में लगभग 1.65 लाख लोगों ने भाग लिया, जिनमें माओवादी हिंसा से प्रभावित परिवारों से जुड़े लोग, माओवादी हिंसा के कारण विकलांग हुए लोग और आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी शामिल थे. डेका ने कहा कि बस्तर ओलंपिक के बाद राज्य सरकार नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ शांति हाफ मैराथन का आयोजन करेगी.

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