बालाघाट में बुधवार को पुलिस मुठभेड़ में मारी गईं चारों महिला नक्सली कान्हा भोरमदेव दलम से जुड़ी थीं। नक्सलियों की यह इकाई या दलम कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के भोरमदेव के बीच के क्षेत्र में सक्रिय है।
नक्सली कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के विस्थापित वन ग्रामों को अपना ठिकाना बना रहे हैं। विस्थापित हो चुके ग्रामीणों के सूने पड़े मकान नक्सलियों के छुपने के काम आ रहे हैं। यहां से मंडला जिले से होते हुए नक्सली अपनी पैठ अमरकंटक तक करने की कोशिश कर रहे हैं।
पुरुषों से ज्यादा हो गईं महिला नक्सली
- पुलिस को यह भी पता चला है कि नक्सली संगठन में महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक हो गई है। इन इलाकों में भी नक्सली दलम में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। रणनीति के तहत बड़े नक्सली हर जगह महिलाओं को ही आगे कर रहे हैं।
- पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर, 2024 में भी कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में नक्सलियों के साथ अलग-अलग दिन दो मुठभेड़ हो चुकी हैं। इससे साफ है कि नक्सली इस क्षेत्र को सुरक्षित समझकर ठिकाना बना रहे हैं।
- मध्य प्रदेश में मुठभेड़ के बाद छत्तीसगढ़ की सीमा पर भी दोनों राज्य अलर्ट पर हैं। ताकि नक्सली छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले की तरफ न भाग सकें। छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सलियों के आने-जाने वाले कॉरिडोर में चौकसी बढ़ा दी है।
हथियारों के बारे में सभी राज्यों से मांगी जाएगी जानकारी
मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सलियों के पास से मिली इंसास राइफल और एसएलआर के संबंध में दूसरे राज्यों से जानकारी मांगी जाएगी। इन हथियारों पर दर्ज सीरियल नंबर से पता चलेगा कि ये कहां से बने हैं। नक्सलियों ने छीने हैं या चुराए हैं। बता दें, दोनों हथियार पुलिस और सेना को ही मिलते हैं।