ओडिशा के राउरकेला में नक्सलियों ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है. नक्सलियों ने विस्फोटकों से भरे ट्रक को लूट लिया है. नक्सलियों ने डेढ़ टन विस्फोटक से भरे ट्रक को लूटा है. इस घटना के बाद से झारखंड और ओडिशा पुलिस अलर्ट पर है.
यह ट्रक राउरकेला के केबलांग थाना क्षेत्र से होते हुए बांको पत्थर खदान की ओर जा रही था. सूत्रों के अनुसार नक्सलियों ने ट्रक को रोककर उसके चालक को बंधक बना लिया और ट्रक को जबरन सारंडा के घने जंगल की ओर ले गए. घटना के बाद से झारखंड और ओडिशा पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर है.
बता दें कि नक्सलवाद भारत के कई राज्यों में एक गंभीर चुनौती बना हुआ है. जिनमें विशेष रूप से छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से शामिल हैं. हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें कई बड़े नक्सली कमांडर या तो मारे गए हैं या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है.
हाल ही में, 21 मई 2025 को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में हुए एक बड़े एनकाउंटर में नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराज को मार गिराया गया, जिस पर कुल मिलाकर 10 करोड़ रुपये का इनाम था. हालांकि, माडवी हिडमा जैसे कई अन्य खूंखार नक्सली अभी भी फरार हैं और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं.
नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में 2025 में नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन हुए. नारायणपुर में 21 मई 2025 को हुए एनकाउंटर में 27 नक्सली मारे गए, जिनमें बसवराज जैसे बड़े नाम शामिल थे. बीजापुर और कांकेर में 113 नक्सली मारे गए, 104 गिरफ्तार हुए, और 164 ने आत्मसमर्पण किया.
झारखंड में 2021 से 2025 तक 1490 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं. सारंडा के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ विशेष अभियान चल रहा है, जिसका लक्ष्य 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करना है. महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मई 2025 में 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर कुल 36 लाख रुपये का इनाम था.
माडवी हिडमा नक्सलियों का एक प्रमुख कमांडर है, जिस पर 45 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का इनाम घोषित है. उसके अलावा, झारखंड में असीम मंडल, पतिराम मांझी, और मिसिर बेसरा जैसे नक्सलियों पर 1-1 करोड़ रुपये का इनाम है, जबकि सुजाता और अन्य कमांडरों पर 25 लाख से 2 लाख रुपये तक के इनाम हैं. सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है, और 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, हिडमा जैसे नक्सलियों की गुप्त गतिविधियां और जंगलों में उनकी मौजूदगी अभी भी एक बड़ी चुनौती है.