छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ हो रहे कार्रवाई के बीच सरेंडर भी हो रहा है. बस्तर में दो दिनों के अंदर तीन जिलों में करीब एक करोड़ रुपए के इनामी 43 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इस सफलता के लिए सीएम विष्णु देव साय ने जवानों को बधाई दी है.
सीएम ने कहा कि हमारी नीति स्पष्ट है बोली का जवाब बोली से और गोली का जवाब गोली से. जो भी नक्सली सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उनके लिए हमारी सरकार बेहतर जीवन और पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध करा रही है. जो हिंसा का रास्ता छोड़ गणतंत्र का मार्ग अपनाते हैं, उनका स्वागत है.
इससे पहले नारायणपुर जिले के 27और सुकमा जिले के 52 लाख के ईनामी 9 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. इनमें डीवीसीएम सहित बड़े कैडर के नक्सली भी शामिल हैं. सीएम ने कहा कि नक्सलियों का लगातार सरेंडर हमारी सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण नीति और नक्सलवाद के सफाए के लिए लगातार चलाए जा रहे अभियानों का प्रत्यक्ष परिणाम है. इसके लिए उन्होंने जवानों को बधाई भी दी.
265 नक्सलियों का खात्मा
सीएम साय ने कहा कि अब तक 941 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 1,112 नक्सलियों को हमारे सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया है. नक्सली मुठभेड़ों में 265 नक्सलियों का खात्मा हुआ है. नक्सलवाद की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर और बेहतर जीवन की उम्मीद में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं. यह इस बात का संकेत है कि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है.
तय समय-सीमा के अंदर होगा सफाया
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मैं अपने बस्तर दौरे के दौरान अक्सर आत्मसमर्पित नक्सलियों से मिलता हूं. उनसे बातचीत में यह साफ झलकता है कि खोखली माओवादी विचारधारा को छोड़कर वे आज बेहतर जीवन जी रहे हैं और खुश हैं. घोर नक्सल प्रभावित जिलों के चिन्हित ग्रामों में नक्सल आधार को खत्म करने के लिए शासकीय योजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे और मूलभूत आवश्यकताओं का विकास कर रही है. विष्णु देव साय ने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए 15 हजार प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं. तय समय-सीमा के भीतर नक्सलवाद के आतंक का अंत होगा. बस्तर में जल्द ही अमन, चैन और शांति का माहौल स्थापित होगा.