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NCP (SP) चीफ शरद पवार ने Z+ सुरक्षा लेने से किया इनकार, बोले- पहले देखूंगा कि किस तरह का खतरा है

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने आज गृह मंत्रालय द्वारा दी गई Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया है. गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले उन्हें Z प्लस सुरक्षा देने का निर्णय लिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 58 कमांडोज उनकी सुरक्षा में तैनात किए जाने थे.

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क्या बोले शरद पवार?
सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार ने कहा है कि वह पहले यह जांच करेंगे कि उनके खिलाफ किस प्रकार का थ्रेट परसेप्शन है, और उसके बाद ही वह सुरक्षा लेने पर विचार करेंगे. उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारियों से जानकारी भी मांगी है. फिलहाल, शरद पवार ने आज Z प्लस सुरक्षा लेने से मना कर दिया है, और इस मामले में उनकी अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं.

पहले भी सिक्योरिटी मिलने पर जता चुके हैं उदासीनता
बता दें कि शरद पवार पहले भी जेड प्लस सिक्योरिटी को लेकर अपनी उदासीनता जाहिर कर चुके हैं. अभी हाल ही में जब उन्हें ये सुरक्षा दिए जाने का फैसला लिया गया था, पवार ने तब भी इस पर तंज कसा था. जेड प्लस सिक्योरिटी मिलने को लेकर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में इसे जासूसी का जरिया बताया था. पवार ने कहा था कि उन्हें दी गई जेड प्लस सुरक्षा उनके बारे में “प्रामाणिक जानकारी” प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं.

केंद्र सरकार पर कसा था तंज
मीडिया द्वारा जेड-प्लस सुरक्षा मिलने को लेकर पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस कदम के पीछे का कारण नहीं मालूम है. हालांकि उन्होंने केंद्र के फैसले पर शक जरूर जाहिर किया था. शरद पवार ने आगे कहा, ‘गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि सरकार ने तीन व्यक्तियों को जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया है और मैं उनमें से एक था. मैंने पूछा कि अन्य दो कौन हैं. मुझे बताया गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं.”

यहां यह बता दें कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत को एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) सुरक्षा दी जा रही है. जबकि अमित शाह को लगभय यह सुरक्षा मिली हुई है. यह सुरक्षा Z+ से ऊपर की केटेगरी की होती है. इसमें सुरक्षा का ज्यादा इंतजाम होता है.

‘शायद चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो…’
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था कि शायद चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिए यह (मेरे बारे में) प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र कर्मियों की एक टीम को पवार के जेड प्लस सुरक्षा कवर का हिस्सा होगी. आधिकारिक सूत्रों ने पहले बताया था कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे का आकलन किया गया था और पवार के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवर की सिफारिश की थी.

मोहन भागवत को मिली है ये सुरक्षा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की सिक्योरिटी को जेड प्लस से बढ़ाकर जेड प्लस ASL कर दिया गया है. अब उनकी सुरक्षा में और भी ज्यादा खास इंतजाम किए जाएंगे. वहीं, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार को जेड प्लस सिक्योरिटी दी गई है. मोहन भागवत और शरद पवार दोनों की सिक्योरिटी जेड प्लस ही है, लेकिन फिर भी दोनों में काफी फर्क है.

क्या होता है ASL कवर- अगर एएसएल कवर की बात करें तो ये जेड प्लस सिक्योरिटी में सबसे खास है. ये पीएम के एसपीजी कवर की तरह है और इसमें कुछ प्रोटोकॉल पीएम सिक्योरिटी की तरह हैं. यानी जिस तरह पीएम की सिक्योरिटी में नियम होते हैं, वैसे ही नियम एएसएल कवर वाले की सिक्योरिटी में भी होते हैं. एएसएल का मतलब है एडवांस सिक्योरिटी लाइजन. इस कवर में ना सिर्फ सिक्योरिटी पर्सन साथ चलते हैं जबकि सिक्योरिटी प्राप्त शख्स कहीं जाता है तो उसकी सिक्योरिटी पहले वहां जाती है.

क्या है जेड प्लस एनएसजी कवर- जेड प्लस सिक्योरिटी में एक कवर एनएसजी कवर होता है. एनएसजी कवर का मतलब है कि इसमें एनएससी कमांडो भी शामिल होते हैं और सिक्योरिटी देते हैं. इनमें एनएसजी कवर की जिम्मेदारी सुरक्षाप्राप्त शख्स को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की होती है. एनएसजी कमांडो उन्हें घर में सुरक्षा नहीं देते हैं और किसी भी अनहोनी भी उन्हें बचाने का काम करते हैं.

सिर्फ जेड प्लस सिक्योरिटी में क्या होता है? अगर सिर्फ जेड प्लस सिक्योरिटी की बात करें तो इसमें कई जवान सिक्योरिटी देते हैं. इसमें करीब 36 जवान होते हैं और इसमें कई लोगों को एनएसजी तो कई लोगों को सीआरपीएफ, सीआईएसएफ कवर मिलता है. वहीं, कुछ लोगों की जेड प्लस सुरक्षा में स्टेट पुलिस के जवान भी होते हैं. जेड प्लस के बाद जेड, वाई प्लस, वाई, एक्स आदि कैटेगरी है.

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