मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने NEET UG-2025 की रजिस्ट्रेशन विंडो खोल दी है. छात्र वेबसाइट neet.nta.nic.in पर ऑनलाइन मोड में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. 7 फरवरी से 7 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं.परीक्षा 4 मई को होगी.
रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
नीट की ऑफिशियल वेबसाइट neet.nta.nic.in पर जाएं.
NEET UG 2025 Registration लिंक पर क्लिक करें.
नए रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी जानकारी फिल करने के बाद सबमिट करें.
लॉगिन क्रेडेंशियल्स मिलने के बाद एप्लीकेशन को पूरा करें.
तय प्रारूप में जरूरी दस्तावेज अपलोड करें.
ऑनलाइन फीस जमा करने के बाद प्रिंटआउट लें.
एप्लीकेशन फीस
जनरल कैटेगरी: 1700 रुपये
ईडब्ल्यूएस और ओबीसी: 1600 रुपये
एससी/एसटी/पीडब्ल्यूबीडी/थर्ड जेंडर: 1000 रुपये
विदेशी सेंटर के लिए: 9500 रुपये
परीक्षा: 180 मिनट
परीक्षा का समय: दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक
रिजल्ट: 14 जून 2025 (संभावित)
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
एज लिमिट: उम्मीदवार की उम्र 31 दिसंबर 2025 तक कम से कम 17 साल होनी चाहिए. अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं है.
एजुकेशन: 12वीं कक्षा या इसके समकक्ष परीक्षा (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/बायोटेक्नोलॉजी और अंग्रेजी के साथ) पास होना जरूरी है.
एग्जाम पैटर्न
180 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे. इसमें
फिजिक्स के 45, केमिस्ट्री के 45, बायोलॉजी (Botany and Zoology) के 90 प्रश्न होंगे.
कुल नंबर: 720
हर सही उत्तर के लिए 4 नंबर मिलेंगे. जबकि गलत उत्तर के लिए 1 नंबर काटा जाएगा. अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल वेबसाइट neet.nta.nic.in पर चेक कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी नहीं अपार आईडी
एनटीए ने पहले नीट यूजी 2025 रजिस्ट्रेशन के लिए अपार आईडी को अनिवार्य बताता था. हालांकि, अब साफ कर दिया है कि रजिस्ट्रेशन के लिए अपार आईडी जरूरी नहीं है.परीक्षा ऑफलाइन मोड में होगी. नीट यूजी के स्कोर से एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष, बीएससी नर्सिंग, BVSc और एएच सहित अन्य मेडिकल यूजी कोर्स में दाखिले होते हैं.
क्या है अपार आईडी (APAAR ID)
अपार आईडी यूनिक एजुकेशन आईडी है. इसे शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत लागू किया है. इसे वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी के रूप में भी जाना जाता है. इसे लागू करने का मकसद एजुकेशन डिटेल का रिकॉर्ड रखना है. ताकि स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक की छात्रों की डिटेल का रिकॉर्ड रखा जा सके. साथ ही एजुकेशन सिस्टम को डिजिटल बनाना है.