गोंडा में शिक्षा विभाग की लापरवाही: तैयार स्कूल भवन साल भर से हैंडओवर का इंतजार, छात्र अब भी पुरानी इमारतों में पढ़ने को मजबूर

Uttar Pradesh: गोंडा जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है, जिले भर में करीब दो सौ जर्जर स्कूल भवनों को गिराकर नए भवन बनाने का काम दो साल पहले शुरू किया गया था. निर्माण कार्य में तेजी तो दिखाई गई, लेकिन अब तक अधिकांश भवनों का हैंडओवर नहीं हो पाया है. ऐसे में छात्र और शिक्षक तैयार हो चुके भवनों का उपयोग तक नहीं कर पा रहे हैं.

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सूत्रों के मुताबिक, पुराने और जर्जर स्कूल भवनों को ध्वस्त कर उनका मलबा नीलाम कराया गया और कार्यदायी संस्था का चयन कर भवन निर्माण का जिम्मा सौंपा गया. कई संस्थाएं मैदान में थीं लेकिन डीएम द्वारा चयनित एक संस्था को काम सौंपा गया. एक साल के भीतर अधिकांश भवन बनकर तैयार हो गए, लेकिन अब शिक्षा विभाग और कार्यदायी संस्था के बीच हैंडओवर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

फिलहाल जिले के झंझरी ब्लॉक के फिरोजपुर तरहर, इटियाथोक ब्लॉक के तेलयानी कानूनगो समेत कुल 18 ब्लॉकों में नए भवन तैयार खड़े हैं, लेकिन इन्हें स्कूलों को सौंपा नहीं गया है. बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि इस संबंध में डीसी निर्माण से जानकारी तलब की गई है और कार्यवाही के संकेत दिए हैं.

स्थानीय स्कूलों के प्रधानाचार्य भी इस स्थिति से परेशान हैं. उनका कहना है कि, बच्चों को बेहतर सुविधा देने के लिए नए भवन बने जरूर हैं, लेकिन जब तक हैंडओवर नहीं होगा, तब तक छात्रों को इनका लाभ नहीं मिल सकेगा.

अब देखना यह है कि डीएम और शिक्षा विभाग की पहल कब रंग लाती है और कब छात्रों को नए भवनों में पढ़ने का अवसर मिल पाता है.

 

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