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कासगंज पुलिस की लापरवाही! सो गए सुरक्षा में तैनात वार्डन, गिरफ्त से कैदी हो गया फरार

उत्तर प्रदेश के कासगंज जेल में बंद एक अपराधी की तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. दो जेल वार्डन उसे अस्पताल लेकर गए. अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था, जो जेल वार्डन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे थे रात को वह सो गए. तभी मौके का फायदा उठाकर सुबह-सुबह तीन बजे अपराधी ने हथकड़ी से हाथ निकाला और दोनों जेल वार्डन को चकमा देकर अस्पताल से फरार हो गया.

ये मामला आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज से सामने आया है, जहां इस अपराधी को लाया गया था. अपराधी मध्य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला 22 साल का संकेत यादव है. उसे साइबर क्राइम के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उसे जेल में डाल दिया गया था. शुक्रवार को संकेत यादव के पेट में दर्द और उल्टी होने लगी और उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे आगरा के एस एन मेडिकल कॉलेज लाया गया और मेडिसन डिपार्टमेंट में एडमिट किया गया.

वॉर्डन सोते रहे, अपराधी फरार हो गया

संकेत को कासगंज से आगरा इलाज कराने के लिए जेल से वार्डन अजीत पांडेय और जयंत कुमार लेकर आए थे. शनिवार को दोनों ही जेल कर्मियों की आंख लग गई. तभी संकेत मौका देखकर भाग निकला और वार्डन सोते रह गए. जब तड़के 3 बजे दोनों नींद से जागे तो देखा कि अपराधी संकेत कुमार है ही नहीं. दोनों ने पूरे अस्पताल में अपराधी को ढूंढ़ा, लेकिन वह दोनों को चकमा देकर पहले ही रफू चक्कर हो चुका था.

पुलिस कैदी की तलाश में जुटी

अपराधी संकेत को काफी ढूंढ़ने पर भी जब वह नहीं मिला तो दोनों जेल कर्मियों ने आगरा पुलिस को उसके फरार होने की जानकारी दी, जिसके बाद अपराधी की तलाश शुरू कर दी गई. डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने इस मामले को लेकर कहा कि पुलिस की टीम अस्पताल में और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है. एक जगह अपराधी कैमरे में कैद हुआ है. पुलिस को शक है कि संकेत भागकर जबलपुर ही गया होगा.

अपराधी संकेत यादव की तलाश पुलिस कर रही है और दूसरी तरफ लापरवाही बरतने वाले दोनों जेल वार्डनों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. कासगंज जेल के डिप्टी जेलर उमेश चंद शर्मा की तहरीर के आधार पर दोनों जेल कर्मियों और बंदी संकेत यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. हालांकि, अभी जेल कर्मियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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