पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम हमले को जानबूझकर ऐसा डिजाइन किया था, जिससे भारत में सांप्रदायिक तनाव भड़काया जा सके. उन्होंने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़वाया, जिन्होंने खुद को हिंदू बताया या कलमा नहीं पढ़ सके उन्हें अलग करके गोलियों से भून दिया. इस आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी. लेकिन पाकिस्तान की इस साजिश को भारतीयों ने कामयाब नहीं होने दिया. भारत की ओर से हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तानी साजिश के खिलाफ जमकर मोर्चा संभाला. वह पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान के मुखर आलोचक बनकर उभरे. एक बार फिर ओवैसी ने पाकिस्तान को आइना दिखाया है. उन्होंने हैदराबाद के नामपल्ली स्थित हज हाउस में शुक्रवार शाम हज यात्रियों को संबोधित किया.
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर हज यात्रियों से एक खास अपील की. हैदराबाद के सांसद ने कहा, ‘हमारा पड़ोसी मुल्क सुधरने वाला नहीं है. आप हज को जा रहे हो, दुआ करो की अल्लाह उनकी दुम को सीधा करे. वरना फिर वक्त आएगा तो उनको और सीधा करना पड़ेगा.’ उन्होंने हज यात्रियों से आग्रह किया कि वे इस तीर्थयात्रा को केवल एक औपचारिक यात्रा के रूप में न देखें, बल्कि धैर्य, कृतज्ञता और विनम्रता से परिपूर्ण एक गहन आध्यात्मिक अनुभव के रूप में देखें. ओवैसी ने इस बात पर जोर दिया कि हज एक भौतिक यात्रा से कहीं अधिक है; यह एक आध्यात्मिक परीक्षा है जहां धैर्य, त्याग और भाईचारे जैसे गुणों का अभ्यास किया जाना चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई के प्रमुख राजीव चंद्रशेखर ने पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान सरकार का समर्थन करने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सराहना की और कहा कि वे दोनों भले ही बीजेपी के विपक्षी हैं, लेकिन देशभक्त हैं. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी और कांग्रेस सांसद थरूर के साथ बहुत सारे वैचारिक मतभेदों के बावजूद मुझे खुशी है कि जब देश संकट में था, तो उन्होंने राजनीति की बजाय देश के साथ खड़ा रहना चुना. इस बीच भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को ब्रीफ करने का प्लान बनाया है.
केंद्र सरकार सभी दलों के चुनिंदा सांसदों को 22 या 23 मई से 10 दिनों के लिए विदेश दौरे पर भेज रही है. हर सांसद के साथ विदेश मंत्रालय का एक प्रतिनिधि भी मौजूद रहेगा. ये सांसद अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएंगे और वहां की सरकार को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विदेश दौरे पर जाने वाले सांसदों की संख्या का अभी पता नहीं चला है. हालांकि, कुछ नेताओं ने बताया है कि सांसदों की संख्या 30 से ज्यादा हो सकती है. इनमें भाजपा, कांग्रेस, TMC, जदयू, डीएमके, NCP(SP), बीजद, CPI(M) के सांसदों के शामिल होने की संभावना है.
सूत्रों की मानें तो भाजपा की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद अपराजिता सारंगी डेलिगेशन का हिस्सा होंगी. कांग्रेस से शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह शामिल होंगे. वहीं NCP(SP) की सुप्रिया सुले और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी सामने आया है, जो इस डेलिगेशन का हिस्सा होंगे.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सांसदों का विदेश दौरा कोऑर्डिनेट कर रहे हैं. सांसदों को निमंत्रण भेजा जा चुका है. उन्हें अपना पासपोर्ट और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार रखने की सलाह दी गई है. सांसदों के डेलिगेशन को विदेश भेजने को लेकर केंद्र की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी (इंचार्ज कम्युनिकेशन) जयराम रमेश ने पीटीआई को बताया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष से बात की है.