न किताबें पूरी, न छत सलामत — मऊगंज के स्कूल की तस्वीरें आपको झकझोर देंगी

मऊगंज : जिले से शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही उजागर करने वाली हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है.हनुमना क्षेत्र के जंगल से सटे ग्राम कोलही पांती मिश्रान में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि अब बच्चों को कक्षा के भीतर नहीं, बल्कि विद्यालय भवन से बाहर बैठाकर पढ़ाया जा रहा है.विद्यालय भवन इस कदर खस्ताहाल है कि वह कभी भी धराशायी हो सकता है.लिहाजा शिक्षक और विद्यार्थी जान जोखिम में डालने के बजाय खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं.

 

इस प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक के कुल 59 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। यहां पदस्थ प्राचार्य जानकी प्रसाद मिश्रा ने बताया कि वे बीते एक साल से शासन-प्रशासन को जर्जर भवन की जानकारी दे रहे हैं, लेकिन आश्वासनों के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला.नतीजा यह है कि शिक्षण कार्य स्कूल परिसर से बाहर ही संचालित किया जा रहा है। विद्यालय में केवल दो शिक्षक हैं, जिनमें से एक नियमित और दूसरा अतिथि शिक्षक के तौर पर कार्यरत है.

स्थिति इतनी भयावह है कि मध्यान्ह भोजन तक सुरक्षित तरीके से नहीं बन पा रहा। बच्चों को प्रतिदिन केवल खिचड़ी परोसी जा रही है। प्राचार्य का कहना है कि भवन की मरम्मत तो दूर, विद्यालय के लिए बाउंड्री वॉल तक नहीं बनाई गई है। जंगल के किनारे होने के कारण जंगली जानवरों का खतरा हर वक्त बना रहता है। ऊपर से विद्यालय तक पहुंचने का कोई समुचित मार्ग नहीं है,बारिश के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं.

बताया जाता है कि विद्यालय भवन लगभग 20 साल पुराना है, जिसकी छत और दीवारें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं.अब यह भवन बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में अभिभावकों में भी डर बना रहता है.शिक्षक, विद्यार्थी और ग्रामीण प्रशासन से बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि कम से कम बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए एक नया भवन उपलब्ध कराया जाए.

विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों ने मऊगंज कलेक्टर संजय कुमार जैन से जल्द से जल्द सुरक्षित भवन उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि नौनिहालों की शिक्षा व्यवस्था सुरक्षित और व्यवस्थित हो सके.

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