बहराइच में बिना आधार और खतौनी के नेपाली ले रहे खाद, चार तस्कर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश: बहराइच में खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की रोपाई कर चुके किसानों को यूरिया व डीएपी खाद की सख्त जरूरत है. बावजूद इसके विक्रेता मुनाफाखोरी के लिए नेपाली तस्करों को बिना आधार व खतौनी के खाद दे रहे हैं. सोमवार को एसएसबी 42वीं वाहिनी के जवानों ने इसका खुलासा करते हुए चार नेपाली तस्करों को गिरफ्तार कर 14 बोरी खाद समेत अन्य सामान बरामद किए.

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नवाबगंज विकासखंड में एसएसबी 42वीं वाहिनी के संतलिया बीओपी के सहायक सेनानायक प्रशांत भारद्वाज ने बताया कि एएसआई सुंदर सिंह के नेतृत्व में गठित टीम रविवार की रात गश्त कर रही थी. इस दौरान देर रात कुछ लोग साइकिलों पर सामान लादकर नेपाल की तरह जाते दिखे. जवानों तत्काल उनका पीछा किया. एसएसबी टीम को देखकर तस्कर सामान छोड़कर नेपाल की ओर भागने लगे.

अंधेरे के चलते कुछ तस्कर भागने में सफल रहे, लेकिन चार तस्करों को मौके से दबोच लिया गया. पकड़े गए तस्करों की पहचान नेपाल के खडैचा डुडवा गांव निवासीस राजित राम कुशवाहा, विनोद कुमार, राकेश राम और विपिन कुमार बनिया के रूप में हुई है. नेपाल के ये शातिर धड़ल्ले से खाद की तस्करी कर रहे हैं. इन तस्करों के पास से 14 बोरी यूरिया, दो लीटर की 54 बोतल कोल्डड्रिंक, कोल्डड्रिंक 240 छोटी बोतल, दो पेटी डालडा व 28 साइकिलें बरामद हुईं. बरामद सामान को नानपारा कस्टम विभाग को सौंप दिया गया है.

आखिर किसके नाम खारिज हो रही तस्करों को दी जाने वाली खाद?

शासन की ओर से किसानों को उनके आधार कार्ड नंबर से ई-पॉश मशीन द्वारा खाद देने का नियम है. खाद देने के दौरान किसान की खतौनी व रकबा देखने का भी नियम है, जिसका पालन जिले के खाद विक्रेता सिर्फ सामान्य किसानों के साथ करते दिख रहे हैं. किसानों को खाद देते समय उन्हें सभी नियम-कानून गिना दिए जाते हैं, लेकिन बार्डर पर तस्करों को धड़ल्ले से खाद दी जा रही है. बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार नेपाल रहने वाले तस्करों को किसके हिस्से की खाद खारिज करके दी जा रही है?

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