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Nestle India के CMD ने किया दावा: ‘Cerelac में तय सीमा के अंदर मिलाई गई चीन, आरोप गलत’

डिब्बाबंद शिशु भोजन मुहैया कराने वाली नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने सोमवार को कहा कि बच्चों के लिए उसके सेरेलैक (Cerelac) जैसे उत्पादों का निर्माण वैश्विक आधार पर किया जाता है और इनमें मिलाई जाने वाली चीनी की मात्रा FSSAI द्वारा निर्धारित सीमा के दायरे में होती है.

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नेस्ले इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (CMD) सुरेश नारायणन ने कहा, ‘कंपनी का हरेक फॉर्मूलेशन वैश्विक आधार पर होता है. पोषण पर्याप्तता अध्ययन करने के लिए कोई स्थानीय दृष्टिकोण नहीं है, यह वैश्विक स्तर पर किया जाता है.’

उन्होंने कहा कि ये फॉर्मूलेशन चार मानकों को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं: कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा, प्रोटीन, वसा और विटामिन तथा मिनरल का स्तर. नारायणन ने दोहराया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार, चीनी मिलाने के लिए अधिकतम तय सीमा प्रति 100 ग्राम फीड के लिए 13.6 ग्राम है जबकि नेस्ले ने प्रति 100 ग्राम पर महज 7.1 ग्राम चीनी का इस्तेमाल किया है.

उन्होंने कहा कि कंपनी इस उत्पाद में शामिल की जाने वाली चीनी की मात्रा पिछले पांच साल में 30 प्रतिशत तक घटा चुकी है और आगे भी इसमें कमी लाने की कोशिश जारी रखेगी.

उन्होंने कहा, ‘यूरोप में एक बच्चे और भारत या दुनिया के किसी अन्य हिस्से में बच्चे के बीच कोई अंतर नहीं किया जाता है.’ उन्होंने कहा कि अतिरिक्त चीनी के साथ सेरेलैक वैरिएंट यूरोप में भी मौजूद है.

नारायणन ने उन आरोपों के संदर्भ में ये बातें कहीं, जिनमें कहा गया कि नेस्ले कम और मध्यम आय वाले देशों में बेचे जाने वाले अपने इन्फैंट मिल्क और सिरील में चीनी और शहद मिलाती है. ये आरोप स्विस NGO पब्लिक आई द्वारा लगाए गए थे.

मार्च तिमाही के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नारायणन ने कहा कि कंपनी ने 4-5 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि के साथ 9.3 प्रतिशत की संपूर्ण वृद्धि दर्ज कर दमदार प्रदर्शन किया है.

उन्होंने कहा कि भविष्य में कंपनी बिक्री-केंद्रित वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगी. उन्होंने कहा, ‘मेरा उद्देश्य बिक्री वृद्धि की रफ्तार मजबूत बनाना है. 2016-17 और 2022 के बीच, हमने 11-12 प्रतिशत की कुल वृद्धि में करीब 8-9 प्रतिशत बिक्री वृद्धि हासिल की.’

उन्होंने कहा कि कंपनी अब 200,000 से ज्यादा गांवों तक पहुंचने के लिए वितरण मजबूत बनाने पर ध्यान देगी. कंपनी ने अगले चार-पांच साल के दौरान अपने कुल रिटेल आउटलेटों की संख्या मौजूदा 51 लाख से बढ़ाकर 60 लाख पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

उन्होंने कहा, ‘उपभोक्ता वस्तु कंपनियों का भविष्य ज्यादा घरों तक पहुंचने के लिए उसकी क्षमता पर निर्भर करेगा. कंपनी कई और उत्पादों की पेशकश के साथ अपनी पैठ बढ़ाएगी.’

डॉ. रेड्डीज के साथ अपने संयुक्त उपक्रम के बारे में बातचीत करते हुए नारायणन ने कहा, ‘न्यूट्रास्युटिकल व्यवसाय हमारे लिए 45-50 करोड़ रुपये का है. हम अगले चार-पांच साल में इसे इसे दोगुना या तिगुना करने की संभावना देख रहे हैं.’ कंपनी वर्ष के अंत तक भारत में अपनी प्रीमियम कॉफी रेंज नेस्प्रेसो भी पेश करेगी.

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