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क्रांति लाना चाहते थे नेता जी, पार्टी ने तबीयत से नाप दिया

इटावा। जिले में समाजवादी पार्टी में जिला उपाध्यक्ष के पद पर रहे आलोक दिक्षित को लेकर सपा के द्वारा एक जांच कराई गई. यह जाँच गोपनीय तरीके से कराई गई और यह पता लगाने की कोशिश की गई कि आलोक दिक्षित सपा को लेकर गलत बयान दे रहे हैं. जांच में यह सत्य पाया गया जिसके बाद पार्टी कार्यालय की तरफ से एक लेटर जारी  किया गया.जिसमें बताया गया कि आलोक दीक्षित को पद से हटाया जाता है.

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पार्टी की छवि को कर रहे थे धूमिल

सपा ने एक लेटर जारी किया. जिसमे बताया गया कि आलोक दीक्षित लगातार समाजवादी पार्टी की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे थे। सपा के तरफ से पता चला कि आलोक दीक्षित ने जैन समुदाय को लेकर एक अभद्र भाषा का उपयोग किया था. इसमें समाजवादी पार्टी ने कहा है कि जैन समाज के लोग हमारे पार्टी के अभिन्न अंग है. पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू को लेकर भी टिप्पणी की गई थी। जिस पार्टी की लगातार छवि धूमिल हो रही थी. इसीलिए आलोक दीक्षित को पद से हटाया जाता है. वही इस मामले से जुड़े लेटर को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम प्रतिलिपि जारी की गई है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के नाम भी आलोक दीक्षित को लेकर प्रतिलिपि जारी हुई है। वही सपा ने बताया है कि जो भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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