इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद उन्हें एक खास तोहफा दिया है. व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात के बाद नेतन्याहू ने उन्हें गोल्डन पेजर गिफ्ट किया है.
पीएम नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से इसकी पुष्टि की गई है कि गोल्डन पेजर तोहफे के तौर पर ट्रंप को भेंट किया गया है. यह गिफ्ट लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन का प्रतीक है, जिसमें पेजर ब्लास्ट से हिज्बुल्लाह के कई आतंकियों को मार गिराया गया था.
लेबनान में कैसे हुए थे ब्लास्ट?
लेबनान और सीरिया के सीमावर्ती इलाकों में पिछले साल सितंबर में धड़ाधड़ पेजर्स में धमाके हुए थे. लेबनान की राजधानी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों विशेष रूप से पूर्वी बेका वैली में पेजर में सीरियल ब्लास्ट होने शुरू हुए थे. इन इलाकों को हिजबुल्लाह का गढ़ माना जाता है. इसके बाद लेबनान में वॉकी-टॉकी के अलावा सोलर पैनल और हैंड हेल्ड रेडियो में भी ब्लास्ट हुए थे. लेबनान के बेरूत समेत कई शहरों में घरों के सोलर सिस्टम में भी धमाके हुए थे.
हिज्बुल्लाह द्वारा कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर्स में हुए धमाकों में 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे और करीब 40 की मौत हुई थी. घायलों में हिज्बुल्लाह के लड़ाके और स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल थे. इस हमले में ईरान के राजदूत मोजतबा अमानी भी घायल हुए थे.
नेतन्याहू ने दी थी पेजर हमलों की मंजूरी
नेतन्याहू ने इसकी पुष्टि की थी कि उन्होंने ही सितंबर में लेबनान स्थित आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर पेजर हमले को मंजूरी दी थी, जिसमें लगभग 40 आतंकवादी मारे गए और 3,000 से अधिक घायल हो गए.
हिजबुल्लाह के लड़ाके क्यों करते थे पेजर का इस्तेमाल
इजरायल पर हमास के हमले के बाद से ही हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व ने अपने लड़ाकों को कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल या इंटरनेट के बजाए पेजर के इस्तेमाल करने का आदेश दिया था. इसके पीछे वजह थी कि इजरायली सेना और मोसाद लगातार हिजबुल्लाह के लड़ाकों की लोकेशन ट्रैक कर रही थी. पेजर की खासियत यही है कि इसके इस्तेमाल से लोकेशन ट्रैक नहीं की जा सकती.