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उज्जैन के महाकाल मंदिर में अधूरी तैयारियों के बीच शुरू की भस्म आरती की नई व्यवस्था

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 1 जून से आधी अधूरी तैयारी के बीच भस्म आरती की नई दर्शन व्यवस्था लागू कर दी गई है। जल्दबाजी में लागू की गई इस व्यवस्था ने इसके पारदर्शी होने के दावों का दम निकाल दिया है। भक्तों के साथ मंदिर समिति की आइटी शाखा को भी वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है। मामले में अफसर अब सफाई देते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिर समिति आनलाइन सिस्टम के क्रम विकास की योजना बना रही है। यह भी तय किया जा रहा है कि भक्तों को क्या जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

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उज्जैन में महाकाल मंदिर समिति ने भस्म आरती में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भस्म आरती दर्शन अनुमति के लिए नया साफ्टवेयर तैयार कराया है। 1 जून से नई व्यवस्था के तहत भस्म आरती की अनुमति जारी की जा रही है। समिति ने 1 से 31 जुलाई की सीटों को नए साफ्टवेयर के माध्यम से बुक कर दिया है। इसके साथ ही अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह के लिए आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।

अधिकारियों का कहना था कि यह व्यवस्था पारदर्शी है, इसके माध्यम से भक्तों को सुविधा पूर्वक भस्म आरती दर्शन की अनुमति मिलेगी। लेकिन योजना लागू होने के अगले ही दिन इस पर सवाल खड़े होने लगे, भक्तों का कहना है कि उन्हें सीट संख्या की जानकारी नहीं मिल पा रही है। बुकिंग के समय उनके आवेदन की संख्या कितनी है और समिति ने किन लोगों को अनुमति जारी की है, जैसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब भक्त तलाश रहे हैं।

जुलाई माह में खाली रह गई 3242 सीट का क्या होगा, पता नहीं
मंदिर समिति ने जुलाई माह के लिए 9153 भक्तों को दर्शन अनुमति जारी की है। इसके बाद जुलाई माह के लिए आनलाइन बुकिंग को बंद कर दिया गया है। समिति प्रतिदिन 400 भक्तों को आनलाइन अनुमति जारी करती है। इस हिसाब से जुलाई माह में 12400 अनुमति जारी होना थी। ऐसे में आनलाइन की 3242 सीट खाली रह गई है।अब इन सीटों को कैसे भरा जाएगा, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

मुझे दिखाई नहीं दे रही सीट संख्या
अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह में कितने भक्तों ने दर्शन अनुमति के लिए आवेदन किया है, इसकी संख्या मुझे नजर नहीं आ रही है। जिसने साफ्टवेयर डेवल्प किया है, वे ही इसके बारे में बता पाएंगे। इस संबंध में आपको प्रशासक या कलेक्टर से बात करना पड़ेगी। इस साफ्टवेयर पर कुछ भी देख पाना मुश्किल है। -राजकुमार सिंह, प्रभारी अधिकारी, आइटी शाखा, महाकाल मंदिर

साफ्टवेयर के क्रम विकास पर विचार कर रहे
नए साफ्टवेयर के क्रम विकास पर विचार किया जा रहा है। भक्तों को कितनी जानकारी देना उचित रहेगा, यह प्रमुख विषय है। क्योंकि सभी प्रकार की जानकारी देने से वाद विवाद बढ़ता है। जुलाई माह के लिए आनलाइन बुकिंग बंद हो गई है। खाली रह गई सीटों को कैसे भरा जाएगा, यह जानकारी आपको मंदिर प्रशासन से मिलेगी। -अर्थ जैन, एसडीएम व मंदिर के आईटी व्यवस्था के प्रभारी

रेलवे की तर्ज पर हो भस्म आरती की बुकिंग
मंदिर समिति को भस्म आरती बुकिंग रेलवे की तर्ज पर होना चाहिए। आइआरसीटीसी के साफ्टवेयर में सीट खाली रहने तक बुकिंग की सुविधा उपलब्ध रहती है। सीट फुल होने के बाद ही वह बंद होता है। मंदिर में जुलाई माह की आनलाइन बुकिंग स्थिति को देखकर लगता है। इस साफ्टवेयर में सुधार की गई गुंजाइश है।

जानिए जुलाई माह में क्यों खाली रह गई सीट
एसडीएम अर्थ जैन ने बताया आनलाइन बुकिंग पहले आओ पहले पाओ के आधार पर की जाती है। प्रतिदिन 400 सीट का आवंटन होता है। जुलाई माह में जिन तारीखों में 400 या उससे अधिक लोगों ने आवेदन किया, उन तारीखों में प्रथम 400 लोगों को अनुमति जारी कर दी गई।

जिन तारीखों में आवेदकों की संख्या 400 से कम थी उन सभी को अनुमति तो जारी कर दी गई, लेकिन संख्या कम होने से पूरी 12400 सीट नहीं भरा पाई। साफ्टवेयर सिस्टम के अनुसार बुकिंग बंद होने के बाद अब खाली सीटों को भरने का जिम्मा मंदिर प्रशासन का है।

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