भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार अपनी कोशिशों में लगा रहता है, साथ ही मालों की ढुलाई में भी नित नई कामयाबी गढ़ता जा रहा है. रेलवे ने जम्मू-कश्मीर के चेरी उत्पादकों के लिए एक खास शुरुआत की है जो घाटी से सीधे मुंबई तक जाएगी. चेरी के लिए खासतैर पर बनाई गई इस व्यवस्था से इसे जल्दी बाजार तक पहुंचाया जा सकेगा. चेरी उन फलों में आता है जो बहुत जल्दी खराब हो जाती है, लेकिन अब देश के कोने-कोने तक लोगों के बीच आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. कश्मीर के चेरी उत्पादकों को भी आर्थिक रूप से इसका फायदा भी मिलेगा.
महज 30 घंटे में ही मुंबई पहुंचेगी चेरी
रेलवे की ओर से ट्रेन में स्पेशल वैगन लगा देने से अब महज 30 से 33 घंटे में ही चेरी मुंबई तक पहुंच जाएगी. पहले सड़क मार्ग के जरिए चेरी को घाटी से मुंबई तक पहुंचाने में छह से सात दिन लग जाया करते थे. अब पहली बार जम्मू डिविजन के कटरा रेलवे स्टेशन से टेंपरेचर कंट्रोल्ड वैगन के जरिए चेरी की 24 टन की पहली खेप शनिवार को मुंबई पहुंचाई गई.
From the orchards of Kashmir to the streets of Mumbai 🍒🚆
Indian Railways’ Jammu Division, launches its first dedicated cherry cargo train, delivering freshness, connecting hearts and empowering farmers. pic.twitter.com/qVQBCvYRyQ— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 2, 2025
इस नई शुरुआत से कश्मीर के चेरी उत्पादकों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है, क्योंकि उनकी चेरी खराब नहीं होगी और अब कम समय में ही मुंबई पहुंच सकेगी. फिर वहां से आस-पास के इलाकों में पहुंचाया जा सकेगा. आज मंगलवार को चेरी की एक और खेप मुंबई के लिए रवाना की जाएगी.
ट्रांसपोर्टेशन की लागत में भी 75 फीसदी
ट्रेन के जरिए चेरी को ले जाने से ट्रांसपोर्टेशन की लागत में भी 75 फीसदी की खासी कमी आई है. श्रीनगर से यात्री ट्रेन से जुड़ा एक पार्सल रेक आज 3 जून को भी 24 टन चेरी लेकर मुंबई के लिए रवाना हो रहा है.
रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि आने वाले दिनों में रेलवे कश्मीर से सभी तरह के ताजे फलों को देश के कई अन्य बड़े शहरों तक पहुंचाने की योजना बना रहा है. इस कोशिश से से कश्मीर के किसानों को फायदा होगा और लोगों को ताजे फल मिल सकेंगे.