सुपौल: बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने सुपौल शहर में नये बस स्टैंड के निर्माण हेतु 7.5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है. इस राशि का उपयोग 5 एकड़ 14.85 डिसमिल भूमि के अधिग्रहण के लिए किया जाएगा. यह स्वीकृति मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणा के तहत दी गई है.
नगर परिषद सुपौल द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, नए बस स्टैंड के निर्माण हेतु चिह्नित 5 एकड़ 14.85 डिसमिल भूमि के अधिग्रहण हेतु अनुमानित व्यय की राशि 750.03348 लाख मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. प्रगति यात्रा के महज दस दिनों में मिली स्वीकृति से शहरवासी गदगद हैं. सरकार के इस फैसले से सुपौल में बेहतर परिवहन सुविधाओं के विकास को बल मिलेगा और यात्रियों को सुविधा मिलेगी. प्रगति यात्रा के दौरान समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में आयोजित समीक्षा बैठक में नगर परिषद सुपौल के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव ने चार सूत्री मांगों का प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव में शामिल बस स्टैंड निर्माण को मुख्यमंत्री ने तुरंत स्वीकार करते हुए अन्य प्रस्ताव को भी पूरा करने का आश्वासन दिया था.
बैठक में अध्यक्ष ने गजना नदी की दुर्दशा का मुद्दा उठाया. कहा कि जल निकासी का एक मात्र साधन गजना नदी है, जो सुपौल के उत्तर पश्चिम भाग में उत्तर से दक्षिण की तरफ चलती है. कालांतर में यह नदी अतिक्रमित व गाद से भरी पड़ी है. इसके कारण जल निकासी की गंभीर समस्या से यहां के जनजीवन को जूझना पड़ता है. इसके निराकरण के लिए गजना नदी को अतिक्रमणमुक्त तथा नदी से गाद की सफाई का प्रस्ताव रखा. बाइपास पर एक बड़ा बस स्टैंड निर्माण का प्रस्ताव रखते हुए अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान बस पडाव शहर के बीच में करीब 30 वर्ष पहले निर्मित हुआ था जो काफी छोटा है. आबादी बढ़ने के कारण बसों एवं अन्य वाहनों की संख्या काफी बढ़ गई है. इससे यत्र तत्र गाड़ियां लगी रहती हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने सुपौल में एक नया और बड़ा बस स्टैंड निर्माण का आश्वासन दिया था.