दुर्ग जिले में बिजली विभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। धमधा के ग्राम पगबंधी ठेलका सब स्टेशन से जुड़े लाइनमैन संतोष तिवारी ने महज डेढ़ महीने पहले नौकरी में आए अनुभवहीन कर्मचारी राम वर्मा (32) को 11 हजार वोल्ट के ट्रांसफॉर्मर पर काम करने चढ़ा दिया।
बिना बिजली बंद कराए और बिना किसी सेफ्टी प्रोटोकॉल अपनाए ट्रांसफॉर्मर का डियो और फ्यूज काटकर ट्रांसफॉर्मर निकालने की जिम्मेदारी राम वर्मा को दी गई। इसी दौरान उसे करंट का जोरदार झटका लगा और वह मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गया।
घायल राम वर्मा का इलाज फिलहाल भिलाई के स्पर्श अस्पताल में चल रहा है। परिजनों ने बताया कि, डॉक्टरों के अनुसार उनकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट चुकी है। फेफड़े भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और फिलहाल दोनों पैर काम नहीं कर रहे। हालत नाजुक बनी हुई है और डॉक्टर लगातार इलाज में जुटे हैं।
जिला अस्पताल में एम्बुलेंस से मरीज को लेने तक नहीं आए कर्मचारी।
जिम्मेदार लाइनमैन गायब
घटना के बाद जिम्मेदार लाइनमैन संतोष तिवारी का फोन लगातार बंद आ रहा है। विभाग के भीतर भी सवाल उठ रहे हैं कि अनुभवहीन कर्मचारी को इतना जोखिम भरा काम क्यों सौंपा गया। बिना बिजली बंद कराए ट्रांसफॉर्मर पर चढ़ाने की अनुमति कैसे दी गई। घटना के बाद से तिवारी के लापता होने से परिजन आक्रोशित हैं।
परिजनों ने कहा- जिसे काम नहीं आता था, उसे ट्रांसफॉर्मर मेंटेनेंस में लगाया
मीडिया से बात करते हुए पीड़ित के परिजनों ने बताया कि, मामा डेढ़ महीने पहले ही वहां काम करने गए थे। वे इस काम को बेहतर तरीके से जानते भी नहीं है। उन्हें ट्रांसफॉर्मर के मेंटेनेंस के लिए बिना किसी सुरक्षा के चढ़ा दिया गया।
न तो बिजली काटी और न ही सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम किए। करंट लगने से वो नीचे गिर गए। हादसे के बाद संतोष तिवारी गायब है। न कार्यालय में है और न ही उसका फोन चालू है।
थाने में नहीं कर रहे मामला दर्ज
परिजनों का आरोप है कि, घटना के बाद वे इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए धमधा थाने गए। लेकिन वहां रिपोर्ट दर्ज करवाने से पहले तो पुलिस अफसरों ने आनाकानी की। इसके बाद जब अन्य लोगों से दबाव बनाया तो उन्हें बड़ी मुश्किल से आवेदन लिया। लेकिन अब तक इस मामले में वो किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
दो मासूमों का सहारा छिना
राम वर्मा की पारिवारिक स्थिति बेहद कमजोर बताई जा रही है। उनके घर में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। बड़ा बेटा केवल 5 साल का है, जबकि छोटा बच्चा 3 साल का है। परिवार अचानक हुए इस हादसे से टूट चुका है। इलाज और भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति में है।
राम वर्मा के परिजनों का कहना है कि, विभाग की सीधी लापरवाही से उनका परिवार उजड़ गया। दो छोटे बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। परिवार ने मांग की है कि दोषी लाइनमैन और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो और राम वर्मा के परिवार को उचित मुआवजा और स्थायी नौकरी उपलब्ध कराई जाए।
ठेकेदार बोला- अकुशल था कर्मचारी, ट्रांसफॉर्मर रिपेयर में लगा था
इस मामले में ठेकेदार हेमशंकर चंद्राकर का कहना है कि, कर्मचारी अकुशल था। ट्रांसफॉर्मर रिपेयर का काम में लगा था। वो वहां क्या काम कर रहा था वही बता पाएंगे। चालू लाइन में काम करना संभव नहीं है। हो सकता है कुछ तकनीकी दिक्कत हुई होगी।
जिला अस्पताल में एम्बुलेंस से मरीज को लेने तक नहीं आए कर्मचारी
बिजली करंट लगने के बाद परिजनों ने सबसे पहले पीड़ित को धमधा के स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन यहां मरीज को एम्बुलेंस से उतारने के लिए कोई कर्मचारी नहीं था।
परिजनों के बोलने के बाद अस्पताल के कर्मचारी परिजनों को खुद मरीज को एम्बुलेंस से उतारने के लिए बोलने लगे। काफी देर के बाद परिजनों की मदद से मरीज को एबुलेंस से उतारा गया। वहां भी इलाज में लापरवाही की वजह से मरीज को भिलाई के हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया।