भोपाल। मध्य प्रदेश की सीएम मोहन यादव की 5 माह पुरानी सरकार में जल्द ही कुछ बदलाव हो सकते हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में कुछ नए नामों को शामिल करने की तैयारी है। संभावना जताई जा रही है कि नए मंत्रिमंडल में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा को मजबूत करने आए लोगों को मौका दिया जा सकता है। साथ ही उन विधायकों को भी मौक मिल सकता है जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अपना बेहतर प्रदर्शन दिया है।
दिसंबर 2023 में वजूद में आई प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार में इस समय कुल 28 मंत्री मौजूद हैं। इनमें 18 कैबिनेट मंत्री, 6 स्वतंत्र प्रभार वाले और 4 राज्य मंत्री का ओहदा रखने वाले मंत्री शामिल हैं। प्रदेश मंत्रिमंडल के आकार के लिहाज से फिलहाल इसमें कुछ और मंत्रियों को शामिल किए जाने की गुंजाइश है।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार को आकार दिए जाने की चर्चाएं चल पड़ी हैं। सूत्रों का कहना है विस्तार कवायद में पहली तरजीह उन विधायकों को दी जाएगी, जो कांग्रेस से पलायन कर भाजपा की शरण में आए हैं। इनमें रामनिवास रावत और कमलेश शाह का नाम प्राथमिकता से गिनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि संभातः इन विधायकों की भाजपा आमद की शर्तों में एक बिंदु शामिल रहा होगा।
मेंदोला की मुराद हो सकती है पूरी
शिवराज सरकार के दौरान हर बार अपनी बारी आने से चूकते रहे इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला इस विस्तार में उपकृत किए जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान ऐन वक्त पर कांग्रेस प्रत्याशी को मैदान से बाहर करने में मेंदोला की खास भूमिका रही है। उनके इस प्रदर्शन के इनाम के तौर पर उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
रिपोर्ट कार्ड भी करेगा काम
चुनाव के बीच भोपाल आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस चुनाव से विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किए जाने की बात कही थी। चुनाव के दौरान अपना बेहतर प्रदर्शन देने वाले शाह के किए गए वादे से लाभान्वित हो सकते हैं। प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों को प्रदेश मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है।
पिछली बार गुजर गया था पूरा कार्यकाल
पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान भी मंत्रिमंडल में करीब 4 विधायकों को समायोजित किए जाने की गुंजाइश बाकी थीं। पूरे कार्यकाल इसको लेकर कयास लगाए जाते रहे कि विस्तार किया जाएगा। लेकिन पूरा कार्यकाल गुजर जाने का बाद ऐन विधानसभा चुनाव के समय इस विस्तार को आकार दिया गया था। मोहन सरकार का यह संभावित मंत्रिमंडल विस्तार अगर अगले महीने कर दिया जाता है तो महज 6 माह में विस्तार किए जाने वाली सरकार के रूप में डॉ मोहन यादव के कार्यकाल को रेखांकित किया जाएगा।