मिथिला लीची का नया रिकॉर्ड: इस साल 250 टन से ज्यादा हुई एक्सपोर्ट, किसानों की आय में जबरदस्त इजाफा

बिहार की मशहूर मिथिला लीची ने इस साल एक नया रिकॉर्ड कायम करते हुए 250 टन से ज्यादा एक्सपोर्ट किया है। यह पिछले साल की तुलना में 108% की शानदार बढ़ोतरी है। दरभंगा एयरपोर्ट और एयरलाइंस की सक्रिय भूमिका ने इस उपलब्धि को संभव बनाया और बिहार के किसानों की मेहनत को देशभर के बड़े बाजारों तक पहुंचाया।

इस साल मिथिला की रसीली लीची को मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे महानगरों में तेजी से पहुंचाया गया। दरभंगा एयरपोर्ट की कार्गो सेवा और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने इस पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एयरलाइंस की मदद से ताजगी और गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए लीची की खेप समय पर बाजारों तक पहुंचाई गई।20 मई को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) से मंजूरी मिलने के बाद स्पाइसजेट ने लीची के हवाई एक्सपोर्ट की शुरुआत की। पहली खेप 21 मई को मुंबई भेजी गई। इसके बाद 23 मई से इंडिगो और 1 जून से अकासा एयरलाइंस ने भी लीची ट्रांसपोर्ट शुरू किया। इस सीजन में इंडिगो ने 159.2 टन, स्पाइसजेट ने 47 टन और अकासा ने 44.5 टन लीची देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाई।

मौसम की चुनौतियों के बावजूद AAI, AAICLAS और एयरलाइंस की टीमों ने बेहतरीन तालमेल के साथ काम किया, जिससे किसानों की लीची ताजगी के साथ समय पर ग्राहकों तक पहुंची। इस पहल ने न सिर्फ मिथिला लीची की लोकप्रियता बढ़ाई, बल्कि किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि की।यह सफलता बिहार की कृषि उत्पादकता और किसानों के भविष्य को नई दिशा देने वाली है। आने वाले वर्षों में इसी तरह की पहल राज्य के कृषि क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नई पहचान दिलाएगी।

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