हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट को अदाणी ग्रुप ने दुर्भावनापूर्ण और ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है. ग्रुप ने एक बयान जारी कर कहा है कि पूर्व निर्धारित निष्कर्षों तक पहुंचने के लिए पहले से सार्वजनिक जानकारी से चुनिंदा टुकड़े उठाकर रिपोर्ट बनाई गई है. ये काम निजी लाभ के लिए किया गया और ऐसा करते हुए तथ्यों और कानून की बेकद्री की गई. अदाणी ग्रुप इन आरोपों को सिरे से खारिज करता है. रिपोर्ट में पहले ही निराधार पाए गए आरोपों को फिर से पेश किया गया है. इन आरोपों को मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है.
Adani Group issues a statement on the latest report from Hindenberg Research.
The latest allegations by Hindenburg are malicious, mischievous and manipulative selections of publicly available information to arrive at pre-determined conclusions for personal profiteering with… pic.twitter.com/WwKbPLTkrv
— ANI (@ANI) August 11, 2024
ग्रुप ने कहा है ”हम दोहराना चाहते हैं कि विदेशों में हमारा निवेश पूरी तरह पारदर्शी है और सारी जरूरी जानकारियां बराबर तमाम कागजात में सार्वजनिक की जाती हैं. इस शरारत भरी रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों के नाम हैं उनके साथ अदाणी ग्रुप का कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है.
ये रिपोर्ट हमारी छवि को नुकसान पहुंचान की कोशिश है. ग्रुप पूरी पारदर्शिता का पालन करता है और जरूरी नियमों का पालन करता है.ग्रुप ने कहा है कि भारतीय शेयर बाजार नियमों का उल्लंघन करने वाले बदनाम शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की ये रिपोर्ट ध्यान भटकाने की एक हताशा भरी कोशिश है. जाहिर है हिंडनबर्ग को भारतीय कानूनों की कोई कद्र नहीं है.”
माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कई आरोप लगाए गए हैं. इन आरोपों के संदर्भ में हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं. इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है.
आपको ये भी बताते चलें कि हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के आखिरी में वे ख़ुद कह रहे हैं कि यह रिपोर्ट महज़ उनकी राय और जांच टिप्पणी है. उन्हें सार्वजनिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त हुई और वे जानकारी की सटीकता के लिए कानूनी रूप से ज़िम्मेदार नहीं हैं.