गैंगरेप के आरोपी मोनोजीत मिश्रा पर नया खुलासा, 7 साल पहले प्रिंसिपल ने पुलिस को लिखी थी चिट्ठी 

साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा को लेकर नई-नई बातें सामने आ रही हैं. लॉ कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल देबाशीष चट्टोपाध्याय द्वारा 2018 में मोनोजीत के व्यवहार को लेकर कोलकाता पुलिस मुख्यालय को भेजा गया एक पत्र आज तक के हाथ लगा है. पुलिस को लिखे इस पत्र में तत्कालीन प्रिंसिपल ने कैंपस के विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान मोनोजीत मिश्रा के व्यवधानकारी व्यवहार को लेकर चिंता जताई थी.

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जॉइंट पुलिस कमिश्नर (हेडक्वार्टर) को लिखे गए पत्र में देबाशीष चट्टोपाध्याय ने मोनोजीत मिश्रा द्वारा कॉलेज के कार्यक्रमों के दौरान व्यवधान उत्पन्न करने के इतिहास पर प्रकाश डाला था और 13 दिसंबर, 2018 को निर्धारित कॉलेज के एनुअल सोशल प्रोग्राम के दौरान भी इसी प्रकार की गड़बड़ी उत्पन्न करने की आशंका व्यक्त की थी. प्रिंसिपल चट्टोपाध्याय ने औपचारिक रूप से कोलकाता पुलिस से कार्यक्रम के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का अनुरोध किया था. कॉलेज प्रशासन की ओर से मोनोजीत को लेकर पुलिस को लिखा गया यह पत्र उस पर लगे मौजूदा आरोपों के मद्देनजर काफी महत्व रखता है.

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पश्चिम बंगाल सरकार ने वरिष्ठ वकील बिवास चटर्जी को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक (spp) नियुक्त किया है. चटर्जी कानूनी और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मामले की कार्यवाही की देखरेख करेंगे. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गत 30 को आरोपियों को वर्चुअली कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने तीनों मुख्य आरोपियों, मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को 8 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया, जबकि गिरफ्तार किए गए सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी की हिरासत 4 जुलाई तक बढ़ा दी थी.

मोनोजीत मिश्रा और प्रोमित मुखर्जी का प्रतिनिधित्व कर रहे बचाव पक्ष के वकील राजू गांगुली ने कोर्ट को बताया था कि दोनों जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और उन्होंने कोई जमानत याचिका दायर नहीं की है. गैंगरेप के आरोपों से इनकार करते हुए गांगुली ने अदालत से आग्रह किया था कि अभियोजन पक्ष को अपनी जांच पूरी करने की अनुमति दी जाए. उन्होंने आगे दावा किया कि मोनोजीत मिश्रा की गर्दन पर एक लव बाइट पाया गया था, जो प्रॉसिक्यूशन के आरोपों पर संदेह पैदा करता है. इस बीच, सरकारी वकील ने तर्क दिया कि परिस्थितिजन्य और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पीड़िता के बयान का समर्थन करते हैं.

साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ 25 जून, 2025 को शाम 7.30 बजे से 10.50 बजे के बीच कॉलेज के गार्ड रूम के अंदर गैंगरेप किया गया. पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में काि था कि उसने मोनोजीत मिश्रा के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, जिस कारण मोनोजीत ने उस पर हमला किया और उसके साथ इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया. पीड़िता के मुताबिक जब उसके साथ यह सब किया जा रहा था, तब मौके पर जैब और प्रणित मौजूद थे. पीड़िता के मुताबिक इन तीनों के अलावा कॉलेज का एक सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी कमरे के बाहर था और उसने अपराध रोकने के लिए कुछ नहीं किया. पुलिस ने पीड़िता के बयान के बाद मोनोजीत, जैब, प्रणित और गार्ड पिनाकी बनर्जी को गिरफ्तार किया था.

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