बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ी घोषणा की है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बार राज्य में हर पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही होंगे। इससे मतदाताओं की भीड़ को नियंत्रित करने और मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि आयोग ने इस बार कई तकनीकी और व्यवस्थागत बदलाव किए हैं, जिससे मतदान पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में अब हर प्रत्याशी की फोटो मतपत्र और ईवीएम पर रंगीन दिखाई देगी। इस फैसले का उद्देश्य मतदाताओं के लिए पहचान आसान बनाना है, ताकि कोई भ्रम की स्थिति न रहे। उन्होंने बताया कि इस बार आयोग ने उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि, संपत्ति और आपराधिक मामलों की जानकारी भी स्पष्ट रूप से मतदाताओं तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर बूथ पर सभी जरूरी सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय, व्हीलचेयर और शेड की व्यवस्था की जाए। साथ ही, मतदाताओं को लाइन में लंबे समय तक न रुकना पड़े, इसके लिए अतिरिक्त मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि आयोग पूरी तरह से तकनीक आधारित निगरानी प्रणाली अपना रहा है। सी-विजिल ऐप और वेबकास्टिंग के माध्यम से हर मतदान केंद्र की लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके अलावा, संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग की प्राथमिकता निष्पक्ष मतदान, अधिकतम भागीदारी और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे बिना किसी दबाव या प्रलोभन के अपने मताधिकार का उपयोग करें।
आयोग के अनुसार, बिहार में इस बार लगभग 7 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान की तिथियों की घोषणा जल्द की जाएगी, लेकिन तैयारी के स्तर पर राज्य प्रशासन और निर्वाचन आयोग दोनों पूरी तरह तैयार हैं।