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मोहन सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी बदली, कर्मचारी अधिकारियों के तबादले का नया सिस्टम

भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से बैन नहीं हटाया जाएगा. तबादलों से बैन हटाए जाने को लेकर चल रहे असमंजस को प्रदेश सरकार ने खत्म कर दिया है. सरकार ने तय किया है कि अब नए साल में ही तबादलों से बैन हटाया जाएगा. दरअसल, फरवरी माह में होने वाले कक्षा 10-12वीं की परीक्षाओं को देखते हुए सरकार कर्मचारियों को अब परेशान नहीं करना चाहती. कर्मचारियों के तबादलों से इसका असर उनके बच्चों पर पड़ेगा.

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जरूरी तबादले सीएम ऑफिस से होंगे

राज्य सरकार ने तबादलों से रोक हटाने का मन बदल लिया है. आमतौर पर मई से जुलाई के बीच ही तबादलों से बैन हटाया जाता है. सरकार तबादलों को खोलकर अब इससे होने वाली अव्यवस्था से बचना चाहती है. इसलिए तय किया गया है कि नए साल में ही नई तबादला नीति जारी की जाएगी. चुनाव के बाद से ही कर्मचारी संगठन सरकार से ट्रांसफर से रोक हटाए जाने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर कैबिनेट की बैठक में भी मंत्री उठा चुके थे. पिछले माह हुई कैबिनेट की बैठक में अनौपचारिक चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने अक्टूबर से तबादलों से रोक हटाने की बात कही थी.

अब इसलिए पीछे हटी सरकार

हालांकि राज्य सरकार अब तबादलों से रोक हटाने को तैयारी नहीं है. बताया जा रहा है कि तबादले हो जाने के बाद होने वाली अव्यवस्था को लेकर सरकार तैयार नहीं है. सबसे ज्यादा समस्या स्कूल शिक्षा जैसे बड़े विभाग को लेकर है. टीचर्स के तबादलों से स्कूलों में पढ़ाई बड़े स्तर पर प्रभावित होगी. स्कूलों में आधा कोर्स पूरा हो चुका है और नवंबर के बाद अर्ध वार्षिक परीक्षा शुरू हो जाती है. फरवरी माह में वार्षिक परीक्षा होती है. ऐसे में तबादलों से परीक्षाओं पर असर पड़ेगा. उधर अन्य कर्मचारियों के तबादलों से भी उनके बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा. इसके चलते मार्च-अप्रैल तक नई तबादला नीति की उम्मीद नहीं है.

जरूरी तबादलें सीएम के अनुमोदन से होंगे

तबादलों से रोक न हटाए जाने के चलते अब जरूरी तबादले मुख्यमंत्री की अनुशंसा से ही हो सकेंगे. इसके लिए विभागीय मंत्री तबादलों की सूची मुख्यमंत्री को भेजेंगे और आवश्यक प्रतीत होने पर वे इस पर अपनी अनुशंसा देंगे.

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