भोपाल। नई ट्रांसफर पॉलिसी में प्रभारी मंत्रियों को जिले के अंदर होने वाले तबादलों के अधिकार दिए जाएंगे. एक स्थान पर लंबे समय से जमे कर्मचारियों को हटाया जा सकता है. नई पॉलिसी में एक साल में रिटायर्ड होने वाले, दिव्यांग कर्मचारियों का उनके आवेदन पर ही तबादले होंगे. किसी भी संवर्ग में 20 फीसदी से ज्यादा तबादले नहीं होंगे.
15 दिन के लिए हटेगा तबादलों से बैन
प्रदेश में अधिकारी-कर्मचारियों के तबादलों का रास्ता खुलने जा रहा है. बताया जा रहा है कि प्रदेश में करीबन 15 दिन के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटाया जा जाएगा. नई तबादला नीति को मोहन कैबिनेट में रखा जाएगा. नई तबादला नीति में प्रावधान किया जा रहा है कि एक जिले से दूसरे जिले में कर्मचारी-अधिकारियों के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन और जिलों प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से हो सकेंगे. नई ट्रांसफर पॉलिसी में पुरानी नीति के अनुसार ही राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, विभागाध्यक्ष और क्लास वन स्तर के अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री के अनुमोदन से ही हो सकेंगे.
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर जिले के अंदर तबादले
जिलों के अंदर तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के आधार पर जिला कलेक्टर कर सकेंगे. एक जिले में तीन सालों से जमे तृतीय वर्ग कर्मचारियों के अलावा क्लॉस वन और क्लॉस टू स्तर के अधिकारियों के ट्रांसफर होंगे. विभागीय मंत्री के अनुमोदन पर पुलिस स्थापना बोर्ड के निर्देशों पर होंगे. इसमें डीएसपी स्तर से नीचे के पुलिस अधिकारी कर्मचारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा, जबकि डीएसपी और इसके ऊपर के अधिकारियों के तबादले मंत्री के अनुमोदन पर होंगे. बोर्ड प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से भी ट्रांसफर कर सकेंगे.
पति-पत्नी का एक साथ होगा तबादला
नई नीति में प्रावधान किया जा रहा है कि यदि पति-पत्नी एक साथ ट्रांसफर का आवेदन देते हैं तो उनका ट्रांसफर किया जाएगा. पति-पत्नी एक स्थान पर रहकर ड्यूटी कर सकें, इसलिए लिए ट्रांसफर में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. ऐसे कर्मचारी अधिकारी जिनके रिटायरमेंट का समय एक साल बाकी है, उनका ट्रांसफर उनके आवेदन के आधार पर ही किया जाएगा. नियमों के तहत उन्हें गृह जिले में पदस्थ किया जा सकेगा. दिव्यांग कर्मचारियों का तबादला भी उनके ही आवेदन पर किया जाएगा. नई नीति में स्वयं के खर्च पर ट्रांसफर और प्रशासनिक आधार पर होने वाले तबादलों की सूची अलग-अलग जारी होगी।