बहराइच हिंसा मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. दरअसल महसी से बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपनी ही पार्टी के नेता समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है. विधायक का आरोप है कि महाराजगंज में मूर्ति पर पत्थरबाजी और रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड के बाद अस्पताल चौराहे पर जब आक्रोशित भीड़ प्रदर्शन कर रही थी, उस समय उनके काफिले पर पत्थरबाजी के साथ-साथ फायरिंग भी की गई.
बीजेपी विधायक ने नगर कोतवाली इलाके में जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है, उनमें बीजेपी युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष का नाम भी शामिल है. इसके अलावा एफआईआर में अज्ञात भीड़ का भी जिक्र है. एफआईआर के मुताबिक, 13 अक्टूबर को महराजगंज में हुई हिंसा में मृतक रामगोपाल मिश्रा के शव को बहराइच मेडिकल कॉलेज के बाहर गेट पर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी. इस दौरान जब विधायक अपने गार्ड और अन्य सहयोगियों के साथ शव रखे लोगों के पास पहुंचे. फिर वो डीएम से मिलने सीएमओ कार्यालय गए. जहां से सीएमओ, सिटी मजिस्ट्रेट को लेकर दोबारा से मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के पास पहुंचे और बातचीत कर शव को मोर्चरी ले जाने लगे तभी कुछ उपद्रवी, जिसमें बीजेपी युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव और अन्य बीजेपी कार्यकर्ता अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय अध्यापक, सेक्टर संयोजक सुंधाशु सिंह राणा और अज्ञात भीड़ नारेबाजी करते हुए गाली गलौज करने लगी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल बहराइच के हरदी थाना इलाके के रेहुआ मंसूर गांव के रहने वाले रामगोपाल मिश्रा (22) महानवमी के दिन दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के जुलूस में शामिल था. जब जुलूस महराजगंज बाजार में अब्दुल हमीद के घर के पास से गुजर रहा था तो नारेबाजी और डीजे बजाने को लेकर कहासुनी हो गई. देखते ही देखते दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए.
इसी दौरान रामगोपाल उस घर की छत पर चढ़ गया और वहां लगे हरे झंडे को उखाड़ते हुए रेलिंग गिरा दी. उसके बाद वहां भगवा झंडा लहरा दिया. इतने में फायरिंग के दौरान रामगोपाल को कई गोलियां लग गईं, जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. जैसे ही ये खबर महसी के आसपास इलाकों में फैली, वहां से लोग लाठी-डंडा लेकर निकल पड़े और उन्होंने बाजार में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की.
बहराइच में बवाल इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करनी पड़ी. उसके बाद एसटीएफ चीफ अमिताभ यश भी मौके पर पहुंचे और वहां से उपद्रवियों को खदेड़ा गया. वहीं सीएम योगी ने मृतक युवक के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया. मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद करने का ऐलान भी किया गया.