ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने नए साल का जश्न मनाने के खिलाफ फतवा जारी किया है। मुफ्ती शहाबुद्दीन ने बताया कि नए साल का जश्न मनाना ईसाइयों का काम है। यह इस्लाम और शरीयत के खिलाफ है।
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फतवे में मुसलमानों से अपील की गई है कि वे इस तरह के किसी जश्न का हिस्सा न बनें। फतवे में लिखा गया है कि नए साल जश्न मनाने वाले शरीयत की नजर में मुजरिम हैं। यहां तक कि कोई मुसलमान नए साल की बधाई भी किसी को न दें।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी बरेली में चश्मे दारुल इफ्ता के हेड मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष हैं।
फतवे के मुताबिक, क्या-क्या है इस्लाम के खिलाफ
- नए साल का जश्न मनाना
- एक-दूसरे को बधाई देना
- पटाखे फोड़ना
- तालियां बजाना
- शोर मचाना
- सीटियां बजाना
- लाइट बंद करके हुड़दंग करना
- फिर लाइट जलाना
- नाच-गाना करना
- शराब पीना
- जुआ खेलना
- वॉट्सऐप, आदि से एक-दूसरे को मैसेज भेजकर मुबारकबाद देना
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