समंदर की गहराई में गोते लगाने वाली दुर्लभ व्हेल मछली न्यूजीलैंड के तट पर बहकर आ गई. ये तट जिस जगह पर है, वहां पर एक नदी समंदर से मिलती है. आमतौर पर ये व्हेल आसानी से देखने को नहीं मिलती. जिंदा तो कभी नहीं. इसे जब भी देखा गया, इसका शव ही मिला है. इस व्हेल का नाम है स्पेड टूथेड व्हेल (Spade Toothed Whale).
न्यूजीलैंड के दक्षिणी ओटागो प्रांत में एक तट पर यह 16.4 फीट लंबी व्हेल मछली मिली. ये तट पर क्यों आई. कैसे आई. इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है. न्यूजीलैंड के डिपार्टमेंट ऑफ कंजरवेशन एंड द नेशनल म्यूजियम टेपापा के एक्सपर्ट ने बताया कि यह एक नर स्पेड टूथेड व्हेल है. डीएनए जांच भी की गई, ताकि पुष्टि हो सके.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
समुद्री जीवों के एक्सपर्ट गेब डेविस कहते हैं कि ये व्हेल मछली इतनी दुर्लभ है कि साल 1800 से अब तक इसके दिखने के सिर्फ 6 मामले सामने आए हैं. न्यूजीलैंड में पहली बार इसे देखा गया है. इस मछली के बारे में दुनिया को बहुत कम जानकारी है. क्योंकि ये दिखती ही नहीं है. आसानी से तो नहीं. जो दिखीं वो मृत ही मिलीं हैं.
पहली बार अच्छी स्थिति में मिला शव, स्टडी संभव
न्यूजीलैंड में इस व्हेल मछली का शव मिलना विज्ञान के हिसाब से बड़ी घटना है. इस बार जो व्हेल मिली है, वो काफी फ्रेश है. हम इसके शव का डिसेक्शन करके इसकी स्टडी करेंगे. क्योंकि आजतक जब भी ये व्हेल मछली मिली, उसका शव खराब हो चुका था. इस बार ये बहुत अच्छी स्थिति में है. इसलिए स्टडी संभव है.
डीएनए की स्टडी से हो सकते हैं कई तरह के खुलासे
गेब डेविस ने बताया कि इस व्हेल के शव को कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है. इसके डीएनए सैंपल्स को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड में भेजा गया है. यहीं पर न्यूजीलैंड सेटासियन टिश्यू आर्काइव है. कुछ महीनों की स्टडी के बाद डीएनए को लेकर कई खुलासे हो सकते हैं. इस व्हेल के बारे में जानना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूरी है.
स्पेड टूथेड व्हेल के बारे में पहली बार 1874 में साइंटिफिक परिभाषा दी गई थी. तब सिर्फ इसके दो दांत मिले थे. इसके बाद न्यूजीलैंड और चिली में कंकाल मिला. लेकिन पूरे शरीर के साथ इतने सुरक्षित हालात में यह व्हेल मछली पहली बार मिली है.