दंतेवाड़ा: बीजापुर नक्सली हमले में शहीद बस्तर फाइटर्स के जवान सुदर्शन वेट्टी के अंतिम संस्कार के दौरान मार्मिक दृश्य देखने को मिला. इस दृश्य ने वहां मौजूद सभी की आंखों में आंसू ला दिया.
2 महीने के बच्चे ने शहीद पिता को दी अंतिम विदाई: दंतेवाड़ा जिले के गुमलनार गांव में शहीद सुदर्शन वेट्टी के अंतिम संस्कार के दौरान सुरक्षा बल के जवानों ने आखिरी सलामी दी. परिवार और स्थानीय समुदाय के लोगों ने पूरी परंपरा के साथ अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया. इस दौरान फेरने की परंपरा निभाई गई. इस परंपरा के तहत शहीद पिता की चिता के ऊपर से नवजात शिशु को दो बार फेरा गया. इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से शहीद पिता की वीरता और साहस नवजात को भी मिलेगा. पिता की चिता के ऊपर से बच्चे को फेरने का यह क्षण पूरे गांव के लिए भावुक भरा रहा.
शहीद की अंतिम यात्रा में दिल को छू लेने वाली घटना: शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान परिवार और स्थानीय समुदाय के इस साहसिक कदम ने न केवल परंपराओं की गहराई को दिखाया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उनके बच्चे के जीवन में भी वही साहस और वीरता का संचार होगा, जो उनके पिता में थी.
बीजापुर आईईडी ब्लास्ट में सुदर्शन वेट्टी शहीद: शहीद सुदर्शन वेट्टी बस्तर फाइटर्स के जवान थे. 4 और 5 जनवरी को अबूझमाड़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 6 जनवरी को वापस अपने कैंप लौट रहे थे. इसी दौरान नक्सलियों ने कुटरु बेदरे मार्ग में अंबेली के पास घात लगाकर IED विस्फोट किया. जिसमें जवानों से भरी गाड़ी इसकी चपेट में आ गई.इस नक्सली घटना में सुदर्शन वेट्टी शहीद हो गया. 7 जनवरी को दंतेवाड़ा पुलिस मुख्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शहीद की पत्नी अपने दो माह के बच्चे को लेकर पहुंची थी जहां सीएम साय ने उनसे मुलाकात की.
नक्सलियों को सीएम साय की सख्त चेतावनी: सीएम विष्णुदेव साय ने शहीद पिता और बेटे के मार्मिक दृश्य के बारे में सोशल मीडिया एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी. सीएम ने कहा-” शहीद सुदर्शन की शहादत को छत्तीसगढ़ कभी नहीं भूलेगा. 2 माह के एक मासूम और अबोध बेटे द्वारा अपने शहीद पिता को अंतिम विदाई देने का यह मार्मिक दृश्य, हर दिल को झकझोर देने वाला है. सुदर्शन जी जैसे वीर हमारे छत्तीसगढ़ की शान हैं. उनके और अन्य शहीदों के बलिदान ने नक्सल उन्मूलन के हमारे संकल्प को और मजबूत किया है. नक्सली कान खोलकर सुन ले, हमारे वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारी सरकार नक्सलवाद के इस नासूर को तय समय-सीमा में समूल खत्म करने के लिए संकल्पबद्ध है.”