छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में नियमितीकरण और 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे NHM कर्मचारियों ने मंगलवार को चुनरी यात्रा निकाली। इस यात्रा में करीब 500 से अधिक कर्मचारी शामिल हुए। 240 फुट लंबी चुनरी के साथ यात्रा महामाया मंदिर तक पहुंची, जहां कर्मचारियों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा-अर्चना की। इस मौके पर ‘NHM’ और ‘नियमितीकरण’ शब्द मंदिर प्रांगण में दीपों से लिखे गए।
कर्मचारियों ने एक दिन पहले ही सीएमएचओ को सामूहिक इस्तीफा सौंपा था। इसमें डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन और अन्य कर्मचारी शामिल थे। NHM कर्मचारियों का आरोप है कि वे कई वर्षों से हॉस्पिटलों में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन समान काम के बावजूद उन्हें नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएं, वेतन और भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं। प्रदेशभर में NHM कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर सरकार से समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सरकार ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि यदि वे काम पर लौटेंगे नहीं तो बर्खास्त किया जा सकता है, लेकिन कर्मचारी अभी भी काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं। CHO संघ की जिलाध्यक्ष योगिता ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अब तक उनकी मांगों को लिखित रूप में स्वीकार नहीं किया है। कर्मचारियों की मांग है कि उनकी पांच प्रमुख मांगों को मान्यता दी जाए और समिति बनाई जाए।
सरगुजा जिले के मेडिकल कॉलेज, CHC और PHC में स्वास्थ्य सेवाएं मुख्य रूप से NHM कर्मचारियों पर निर्भर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण इन स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। NHM कर्मचारियों ने रोटियां लेकर प्रदर्शन किया और सम्मान सहित नियमितीकरण की मांग को लेकर आवाज उठाई।
कर्मचारी केवल अपनी मांगें पूरी होने पर ही सेवा में लौटने का निर्णय लेंगे। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन बच्चों और मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर सुविधा सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सरगुजा में निकाली गई चुनरी यात्रा और दीप प्रज्ज्वलन का उद्देश्य न केवल सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना करना था, बल्कि यह आंदोलन की दृढ़ता और कर्मचारियों की मांगों की गंभीरता को दिखाने का माध्यम भी रहा। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं होगा, वे आंदोलन जारी रखेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी उपस्थिति सीमित करेंगे।