NHM कर्मचारियों ने ‘पथरा के देवता’ गाने पर किया डांस, वीडियो वायरल; तीज पर नियमितीकरण की मांग

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) संविदा कर्मचारी 18 अगस्त से हड़ताल पर हैं। हड़ताल को एक सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है। इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। ये NHM कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। खून से सरकार को लेटर तक लिखा जा चुका है।

कर्मचारियों के पैरोडी गाने और डांस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। धमतरी में छत्तीसगढ़ी गाने ‘मोर पथरा के देवता मानत नई हे वो’ पर डांस कर विरोध जताया गया। जिसका मतलब होता है- मेरे देवता मान नहीं रहे हैं।

पुरुष कर्मचारी सीएम विष्णुदेव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का मुखौटा लगाए हुए थे। उनके सामने महिला कर्मचारी पैरोडी गीत पर डांस कर रहीं थी। इसी तरह ‘तड़पाओगे तड़पा लो’, क्या हुआ तेरा वादा गाने के जरिए भी प्रदर्शन किया गया।

महिलाओं का कहना है कि, हम तीजा के दिन भी धरने पर बैठे हैं। बाकी सभी महिलाएं तीज मनाएंगी। हथेली पर मेंहदी से पति का नाम लिखा जाना था। लेकिन नियमितीकरण लिखवाया है। इससे ज्यादा कोई इंसान क्या ही मजबूर होगा।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि, 10 में से 5 मांगे पूरी करने का आश्वासन NHM कर्मियों को दिया चुका है। बाकी 5 मांग पूरी करना उनके हाथ में नहीं, इसके लिए वो केन्द्र से सिफारिश करेंगे।

हालांकि, इसका कोई सकारात्मक नतीजा निकला नहीं। NHM संविदा कर्मचारियों को कहना है, सब कुछ लिखित में दिया जाए, इसके बाद विचार होगा।

ऐसे में NHM कर्मियों को वापस ड्यूटी पर बुलाने सभी जिलों के जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एक लेटर NHM हेड ऑफिस से जारी किया गया।

CMHO से कहा गया है कि जितने भी कर्मचारी ऑफ ड्यूटी है उनकी लिस्ट बनाई जाए और नियमानुसार कार्रवाई हो। वहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर भाजपा को घेर रही है।

समझिए प्रदर्शन की नौबत क्यों आई

NHM कर्मचारियों का आरोप है कि, चुनाव के दौरान भाजपा ने “मोदी की गारंटी” के नाम से जो मेनिफेस्टो जारी किया था। उसमें संविदा कर्मचारियों को 100 दिनों के भीतर नियमित करने का वादा किया गया था।

लेकिन 20 महीनों में 160 से अधिक ज्ञापन देने के बाद भी सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

इसके बाद ये तय किया गया कि चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। NHM संविदा कर्मचारियों ने 3 चरणों में आंदोलन शुरू किया। पहले चरण में आंदोलन सभी जिलों में शुरू हुआ। जो 24 अगस्त तक चला।

अब संभागीय स्तर पर आंदोलन आ पहुंचा है। तूता में रायपुर, बलौदाबाजार और गरियाबंद इन तीन जिलों के कर्मचारी पहुंच चुके हैं। आगे ये आंदोलन स्टेट लेवल का है, यानी 16 हजार कर्मचारी मांग पूरी नहीं होने पर एक साथ तूता में धरना देंगे।

अब NHM कर्मचारियों का पक्ष जानिए

NHM संविदा कर्मचारी संघ की संगीता मिश्रा ने बताया कि, हम तीजा को दरकिनार कर यहां आकर बैठ रहे हैं। बाकी सभी महिलाएं तीज मनाएंगी। हथेली पर मेंहदी से पति का नाम लिखा जाना था। लेकिन नियमतिकरण लिखवाया है। इससे ज्यादा कोई इंसान क्या ही मजबूर होगा।

तिल्दा की ममता सोनवानी ने बताया कि, फाइनेंशियल प्रॉब्लम है, लेकिन रोज 200 रुपए खर्च कर तूता आ रही हूं। सरकार मांगे पूरी नहीं कर रही है।

स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। ये दिखाता है कि सरकार असंवेदनशील है। किसी बड़ी के इंतजार के बाद ही लगता है, फैसला लिया जाएगा।

हमारी सभी 10 मांग जायज है। वहीं राइट्स मांग रहे हैं जो एक कर्मचारी को मिलना चाहिए। लेकिन सरकार ये भी नहीं दे पा रही है। एक मुश्त सैलरी पर काम करना मुश्किल हो रहा है। CSR सिस्टम में भी कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं है।

सरकार की काम पर लौट आने की अपील

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पूरे मामले पर कहा कि, हमने NHM संविदा कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर 5 मांगे पूरी करने की बात कह दी। बाकी मांग पूरी करने के लिए केन्द्र सरकार को खत लिखा जाएगा। स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। हड़ताल खत्म कर देना चाहिए।

स्वास्थ्य सेवाएं बूरी तरह से प्रभावित

हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई। मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई अस्पतालों में तो ​ओटी और प्रसव सेवाएं पूरी तरह बंद है।

अस्पतालों में ताले लटके हुए हैं। ​हड़ताल के कारण शासकीय अस्पतालों में संस्थागत प्रसव, पैथोलॉजी जांच, एक्स-रे, सोनोग्राफी और टीकाकरण जैसी जरूरी सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

रेगुलर कर्मचारियों की छुट्टी कैंसिल

सबसे ज्यादा असर रात्रिकालीन प्रसव और ऑपरेशन थिएटर्स (ओटी) पर पड़ा है, जो पूरी तरह बंद हैं। इससे गंभीर मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ​

स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने नियमित कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए हैं। हालांकि, इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में आई गिरावट को पूरी तरह से संभाला नहीं जा पा रहा है।

CMHO को खत लिखकर कार्रवाई करने को कहा

मांग, हड़ताल और सिफारिशों के बीच NHM हेड ऑफिस से सभी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी कर 18 अगस्त से गैरमौजूद कर्मचारियों की सूची मांगी गई है।

लिखा गया है कि ये सूची नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए चाहिए। यानी प्रशासकीय स्तर पर सरकार कर्मचारियों पर अब सख्त होती दिख रही है।

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